
कोरोना वायरस महामारी फुल स्पीड में है. राजनेताओं से लेकर कोरोना वॉरियर्स तक, कोरोना वायरस सबको अपनी चपेट में लेता जा रहा है. कोरोना के नए मामले हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. ऐसे माहौल में छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) कराए जाने का विरोध कर रहे थे. छात्रों और विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद जेईई की परीक्षा आज से शुरू हो रही है.
परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे से बचने के लिए छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश से पहले कई परीक्षण से गुजरना पड़ रहा है. परीक्षा केंद्रों पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी फेसशील्ड में नजर आ रहे हैं. परीक्षा केंद्रों पर पहुंच रहे छात्र भी मास्क और ग्लव्स लगाए हुए हैं.
सियासी घमासान के बीच हो रही परीक्षा के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं. शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर छात्रों और उनके अभिभावकों से सरकार की ओर से जारी स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की अपील की है. शिक्षा मंत्री ने छात्रों और उनके अभिभावकों को यह भी आश्वस्त किया है कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि छात्रों को हर सहायता दी जाएगी. बता दें कि जेईई की परीक्षा के लिए देशभर के करीब 11 लाख छात्रों ने आवेदन किया है.
जम्मू में कैसे हो रही है JEE परीक्षा
COVID-19 संबंधित सावधानी के बीच जम्मू में आज JEE परीक्षा शुरू हुई. सोशल डिस्टेसिंग में पालन करते हुए एक-एक करके परीक्षा केंद्र में छात्रों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई.
परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी. प्रवेश द्वार पर टचलेस हैंड सैनिटाइजिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. वहीं परीक्षा हॉल में छात्रों के दूर- दूर बैठने की व्यवस्था की गई थी.
छात्रों की ऐसी मिली प्रतिक्रिया
इंडिया टुडे से बात करते हुए परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय इंजीनियरिंग छात्रों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी. जबकि कुछ ने परीक्षा आयोजित करने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया, अन्य ने कहा कि परीक्षाएं स्थगित कर दी जानी चाहिए थीं. कुछ छात्रों ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उनके मन में डर था. वहीं कुछ छात्रों ने कहा कि उन्हें परीक्षा हॉल तक पहुंचने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.
पिता संजीव ने इंडिया टुडे को बताया, "मेरा बेटा परीक्षा स्थगित होने से तनाव में था. अच्छी बात है अब मेरा परीक्षा दे रहा है, वरना वह अपना एक साल खो देता.
बिस्वाल ने कहा, "हम एक साल भी नहीं गंवा सकते. SOP को समझने के लिए वे काफी परिपक्व हैं. केंद्र के पास उनके प्रोटोकॉल का भी पालन करना है. मैं आज अपनी बेटी को दस्ताने देना भूल गया, लेकिन मुझे यकीन है कि वे अंदर प्रदान करेंगे.
परीक्षा सेंटर पर पहुंचने के लिए नहीं मिला कोई साधन
छात्रों को सबसे बड़ी टेंशन यही थी कैसे परीक्षा केंद्र पर पहुंचा जाए. जहां कुछ राज्यों ने छात्रों को यातायात की सुविधा दी है वहीं कुछ छात्र बड़ी परेशानी से परीक्षा केंद्र पहुंचे हैं. बिहार के छात्र पीयूष का कहना है कि परीक्षा केंद्र तक आने के लिए बस और ऑटो कुछ भी साधन नहीं मिले हैं.