
नीट (NEET) और जेईई (JEE) परीक्षा को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी दल सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. कई दलों के नेता सरकार से परीक्षा रोकने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नीट और जेईई परीक्षा कराने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर परीक्षा कराने के लिए हरी झंडी दे दी थी. जबकि छात्र कोरोना संकट के कारण परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. इनके सुर में अपनी आवाज मिलाते हुए दलों ने सरकार से फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को एक ट्वीट कर इस पर सोचने के लिए कहा.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा, कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं. ऐसे में अगर NEET और JEE परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे सत्याग्रह अभियान का नाम दिया है.
इससे पहले राहुल गांधी ने भी ऐसी ही मांग उठाई. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए. केंद्र सरकार को NEET, JEE परीक्षा को लेकर छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए और एक सार्थक समाधान निकाला जाना चाहिए.
जेईई और नीट परीक्षा के मुद्दे पर 25 अगस्त के बाद दो मीटिंग होनी है. यह मीटिंग शिक्षा मंत्री आयोजित करेंगे. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि शिक्षा मंत्रालय परीक्षा को टाल सकता है. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ऐसा फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की लिस्ट और जरूरी गाइडलाइन जारी कर दी है.
दिल्ली के मंत्रियों का विरोध
उधर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जेईई और नीट की परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरकार परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, मेरी केंद्र से विनती है कि पूरे देश में ये दोनों परीक्षाएं तुरंत रद्द करें और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करें. अभूतपूर्व संकट के इस समय में अभूतपूर्व कदम से ही समाधान निकलेगा.
इसी मामले में AAP मंत्री गोपाल राय ने कहा कि "देशभर के छात्रों की मांग है कि मौजूदा स्तिथि को देखकर परीक्षा पोस्टपोन की जाए. सरकार को छात्रों की डिमांड और परेशानियों पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह मांग देशभर से सामने आ रही है. कई राजनीतिक दल भी आवाज उठा रहे हैं तो केंद्र की सरकार इस मांग से अनजान नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार निर्णय ले.
गोपाल राय ने कहा, अगर सरकार कोई विकल्प बना रही है तो छात्रों से बातचीत करनी चाहिए. पूरे देश के छात्रों को ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. नई परिस्थितियों में नए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार को छात्रों की बात अनसुनी करने की बजाय लॉजिकल निर्णय लेना चाहिए."