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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मुश्किलें और बढ़ीं, ED ने जब्त की 538 करोड़ की संपत्ति

Jet Airways: जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं. ईडी ने गोयल के साथ-साथ उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर दर्ज 538 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर लिया है. बता दें कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की जा रही है.

जेट एयरवेज (फाइल फोटो) जेट एयरवेज (फाइल फोटो)
दिव्येश सिंह/मुनीष पांडे
  • मुंबई,
  • 01 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की 538 करोड़ रुपए संपत्ति जब्त कर ली है. नरेश गोयल के अलावा उनकी पत्नी और उनके बेटे से जुड़ी संपत्तियां भी जब्त की गई हैं. बता दें कि 26 साल तक कमर्शियल सेवा संचालित करने वाली जेट एयरवेज ने 2019 में अपना ऑपरेशन बंद किया था. गोयल के 2019 में एयरलाइन के अध्यक्ष पद से हटने के बाद जेट एयरवेज ने जून 2019 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दिवालियेपन के लिए याचिका दाखिल कर दी थी.

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बता दें कि नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और बेटे निवान गोयल के नाम लंदन, दुबई और भारत के कई राज्यों में स्थित 17 फ्लैट, बंगले और कमर्शियल परिसर सहित कई संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं. इससे पहले ईडी सितंबर में 74 साल के नरेश गोयल को केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार भी कर चुकी है. ED ने यह भी आरोप लगाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे का इस्तेमाल विदेश में संपत्तियां खरीदने में किया गया है.

क्या है मामला?

गोयल के खिलाफ ईडी का यह केस इस साल मई में दर्ज सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है. सीबीआई की एफआईआर में कहा गया था कि 23 नवंबर 2022 को केनरा बैंक के अधिकारियों ने जेट एयरवेज के नरेश गोयल, अनीता गोयल, गौरंग आनंद शेट्टी और अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और विश्वासघात का आरोप लगाया था, जिससे केनरा बैंक को 538.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. 

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2019 में बंद हुई थी जेट एयरवेज

बता दें कि लगभग 26 साल के ऑपरेशन के बाद अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज बंद हो गई थी.जेट एयरवेज भारी कर्जे में डूबी हुई थी. नरेश गोयल पर अप्रत्यक्ष रूप से विदेश में कई कंपनियों पर नियंत्रण रखने का आरोप है. इन कंपनियों में कुछ ट्रांजैक्शन हैवन देशों में भी हैं. शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आई थी कि नरेश गोयल ने टैक्स बचाने के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों के बीच कई संदिग्ध लेनदेन किए और देश से बाहर फंडिंग की.

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