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बंगाल: कोलकाता पुलिस ने JMB संगठन के 3 आतंकियों को किया गिरफ्तार, सीक्रेट डायरी जब्त

दरअसल एसटीएफ को खुफिया जानाकरी मिली थी कि कोलकाता में  जमात उल मुजाहिदीन के कुछ सदस्य मौजूद हैं. वो सभी आतंकवादी खुद को एक मरीज का परिजन बता रहे थे.

JMB के तीन आतंकी गिरफ्तार ( सांकेतिक फोटो) JMB के तीन आतंकी गिरफ्तार ( सांकेतिक फोटो)
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 12 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:56 AM IST
  • JMB के तीन आतंकी गिरफ्तार
  • एक सीक्रेट डायरी की गई बरामद

यूपी के लखनऊ और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रविवार को आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई. एक तरफ यूपी एटीएस ने मुस्तैदी दिखाते हुए अलकायदा के आतंकियों को गिरफ्तार किया तो वहीं कोलकाता में भी जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के भी तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया. 

दरअसल एसटीएफ को खुफिया जानाकरी मिली थी कि कोलकाता में जमात उल मुजाहिदीन के कुछ सदस्य मौजूद हैं. सभी आतंकवादी खुद को एक मरीज का परिजन बता रहे थे. ये सभी ठाकुरपुकार कैंसर अस्पताल में मौजूद थे. लेकिन एटीएस को क्योंकि पहले से उनकी गतिविधियों पर शक था, ऐसे में समय रहते रेड की गई और तीनों आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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JMB के तीन आतंकी गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए आतंकियों के नाम नजीउर्रहमान, शब्बीर और रेजोल बताए गए हैं. जांच में सामने आया है कि तीनों ही आतंकवादी JMB के सक्रिय सदस्य थे और उनकी फंडिंग यूनिट के साथ काम कर रहे थे. उनके पास से एक डायरी भी बरामद की गई है. उस डायरी में दूसरे बांग्लादेश में छिपे आतंकियों के बारे में जानकारी मौजूद थी. उनके पास से भारत के कुछ पहचान पत्र भी बरामद किए गए हैं. अब वो पहचान पत्र असली हैं या नहीं, ये जांच का विषय है.

क्या थी आतंकियों की साजिश?

जांच एजेंसियां अभी भी दावे के साथ ये नहीं कह रही हैं कि ये तीनों आतंकी किसी हमले की फिराक में थे. लेकिन क्योंकि इनका JMB से सीधा कनेक्शन है, ऐसे में किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है. बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों के फेसबुक को भी अच्छे से चेक किया गया है. जानने का प्रयास है कि इन आतंकियों के दूसरे साथी कहां पर हैं और उनका यूं भारत में घुसने का क्या मकसद था.

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बता दें कि जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश एक बैन आतंकी संगठन है जो बांग्लादेश में सक्रिय है और वहीं से अपनी तमाम गतिविधियों को अंजाम देता है. अब क्योंकि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते मजबूत रहे हैं, ऐसे में ये संगठन अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाया है.

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