
मणिपुर में जारी हिंसा और सुरक्षा चुनौतियों के बीच, भारतीय सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार खुफिया आधारित संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं. पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में हो रहे इन अभियानों का लक्ष्य राज्य में शांति बहाल करना और उग्रवादी गतिविधियों को कंट्रोल करना है. हाल ही में चलाए गए कुछ जरूरी अभियानों के बाद हथियारों और युद्ध सामग्री की बड़ी मात्रा में बरामदगी हुई है.
15 अक्टूबर को, भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मणिपुर के थौबल जिले के सीमावर्ती इलाके लेरोंगथेल पित्रा में एक बड़े तलाशी और बरामदगी अभियान को अंजाम दिया. यह क्षेत्र लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जा रहा था, और खुफिया इनपुट्स के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया.
इस अभियान के दौरान टीम ने एक AK-56 राइफल, एक सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR), एक कार्बाइन मशीन गन, एक सिंगल बैरल राइफल, एक पिस्टल, कई ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ अन्य युद्ध सामग्री बरामद की. इस ऑपरेशन की सफलता ने क्षेत्र में उग्रवादियों की क्षमताओं पर एक बड़ा प्रहार किया है.
इसके बाद, 16 अक्टूबर को, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने एक और संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया. यह अभियान चुराचांदपुर जिले के कनान वेंग गांव के पास खुफिया सूचनाओं के आधार पर चलाया गया. यह इलाका भी हाल के समय में उग्रवादियों की गतिविधियों का केंद्र बना हुआ था. इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने एक .303 राइफल, पांच सिंगल बैरल राइफल, एक 9mm पिस्टल, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की. इस अभियान से क्षेत्र में उग्रवादी नेटवर्क की गतिविधियों को कमजोर करने में सफलता मिली है.
इस अभियान के लिए भारतीय सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और अन्य एजेंसियां एक साथ आई थीं. एजेंसियों के ऐसे प्रयासों ने मणिपुर के संवेदनशील क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन अभियानों के दौरान कोई बड़ी हिंसा या संघर्ष की घटना भी सामने नहीं आई है. बरामद सभी हथियार और गोला-बारूद मणिपुर पुलिस को सौंप दिए गए हैं, जो आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई करेगी.