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पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, 23 महीने पहले हाथरस जाते वक्त हुई थी गिरफ्तारी

सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दायर मामले में केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि अभी आरोप तय होने के चरण तक भी मामला नहीं पहुंचा है.

सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है
कनु सारदा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दायर मामले में केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कप्पन सिद्दीकी को जमानत दिए जाने का आदेश देंगे. लेकिन सरकार बताए कि क्या शर्तें हो सकती हैं.

सिद्दीकी की ओर से दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत पर रिहा करने पर सहमति जताई. 

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हाथरस कांड के बाद जनता को भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार कप्पन सिद्दीकी कप्पन की याचिका पर CJI जस्टिस यूयू ललित ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ मिला था? या कोई ऐसी सामग्री मिली, जिससे लगता हो कि वो साजिश रच रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि अभी आरोप तय होने के चरण तक भी मामला नहीं पहुंचा है.

यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि दो महीने में आरोप तय हो सकते हैं. यूपी सरकार की ओऱ से पेश हुए महेश जेठमलानी ने कहा कि कप्पन के पास से कोई विस्फोट नहीं मिला था. उसकी कार में आपत्तिजनक साहित्य मिला था. उससे पता चला कि वो PFI से जुड़ा है. इस पर CJI ने पूछा कि साहित्य में खतरनाक क्या लगता है? 

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इस पर कप्पन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि साहित्य ये था कि हाथरस की पीड़िता को इंसाफ दिलाना है. साथ ही कहा कि कप्पन अक्टूबर 2020 से जेल में बंद है. 

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

महेश जेठमलानी ने बेंच को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. 

बेंच: कप्पन के खिलाफ वास्तव में क्या पाया गया है

जेठमलानी : हाथरस से जुड़ी घटना और उसके पीएफआई से उसके संबंध हैं. उसे क्षेत्र में दंगा भड़काने के लिए 45000 रुपये दिए गए थे. उनका किसी प्रेस संगठन में रजिस्ट्रेशन नहीं था. वह आधिकारिक तौर पर तेजस से जुड़ा हुआ है, जिसका संबंध PFI से है. झारखंड में PFI एक आतंकवादी संगठन है.

बेंच: आपने उस व्यक्ति की हिरासत में क्या पाया है? सह आरोपी के बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

जेठमलानी : हमें कार में सामग्री मिली है.

जेठमलानी: हम आरोप तय कर रहे हैं. जल्द से जल्द प्रक्रिया को पूरा करेंगे. वह छुट्टी के लिए आवेदन कर सकता है.

बेंच: वह व्यक्ति 2  साल से जेल में हैं.

बेंच: हम कैसे कह सकते हैं कि पीएफआई से मिले साहित्य का उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए साहित्य से कोई संबंध है?

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जेठमलानी: साहित्य का पूरा मकसद दंगा भड़काना है.

सिब्बल: साहित्य को पढ़ लें.

6 हफ्ते बाद केरल जा सकेगा कप्पन

जानकारी के मुताबिक अगले 6 हफ्ते कप्पन दिल्ली में रहेगा. पुलिस थाने में साप्ताहिक तौर पर हाजिरी लगानी पड़ेगी. 6 हफ्ते बाद वो समुचित प्रक्रिया पूरी कर केरल भी जा सकता है. 

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