
हाथरस जाते वक्त मथुरा से गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की रिहाई की मांग तेज हो गई है. कप्पन का परिवार आज केरल सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहा है. परिवार की मांग है कि केरल सरकार पूरे मामले में दखल दे और कप्पन की रिहाई कराने में मदद करे. परिवार का आरोप है कि बिना किसी आरोप के कप्पन को 3 महीने से जेल में रखा गया है.
आपको बता दें कि बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस के एक गांव में बीते 14 सितंबर को एक दलित युवती से सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था. इस घटना में पीड़िता बुरी तरह से जख्मी हो गई थी. इलाज के दौरान सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी.
मृतक का रात में ही उसके परिजनों की कथित तौर पर सहमति के बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था. जिसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था और इस घटना के बहाने हिंसा की साजिश रचे जाने की बात यूपी सरकार और प्रशासन की तरफ से की गई थी. उसी क्रम में कुछ गिरफ्तारियां भी की गई थीं. इसमें सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी भी शामिल है.
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कप्पन का दावा है कि वह केरल के एक दैनिक अखबार के पत्रकार हैं जबकि यह अखबार दो साल पहले ही बंद हो चुका है. योगी सरकार ने एफिडेविट में कहा है कि पत्रकार संघ कप्पन की असलियत छिपाने की कोशिश कर रहा है.
यूपी सरकार ने कोर्ट में साथ ही यह भी कहा कि अगर केस की सुनवाई के दौरान कप्पन को जमानत मिल जाती है तो संभव है कि वह अंडरग्राउंड हो जाएं. योगी सरकार ने कप्पन पर केस की जांच में मदद ना करने के आरोप लगाए. योगी सरकार का कहना है कि कप्पन अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स के पासवर्ड की जानकारी नहीं दे रहे हैं.