
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लंबे समय से मंथन चल रहा है. बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (JPC) की बैठक खत्म हो गई है. समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया है. सूत्रों के अनुसार, अब जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल गुरुवार को सभी सदस्यों के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलेंगे और उन्हें ड्राफ्ट रिपोर्ट और संशोधित विधेयक सौंपेंगे.
इससे पहले वक्फ बोर्ड को लेकर जेपीसी की बैठक हुई. इस बैठक में ड्राफ्ट रिपोर्ट और संशोधित बिल को स्वीकार किया गया. वक्फ बोर्ड के जेपीसी सदस्यों के बीच वोटिंग हुई. संशोधित बिल और ड्राफ्ट रिपोर्ट के पक्ष में 16 और विपक्ष में 11 वोट पड़े.
शाम चार बजे तक जता सकते असहमति
जेपीसी का कहना है कि जो सदस्य असहमत हैं, वे बुधवार शाम चार बजे तक नोट दे सकते हैं. अभी तक टीएमसी के दो सांसद कल्याण बनर्जी और नदीम उल हक ने असहमति नोट दिया है. इसके अलावा, ए राजा, संजय सिंह और अरविंद सावंत ने भी असहमति नोट दिए हैं.
विपक्षी सांसदों में कुछ ने अपनी असहमति जताई और इसे अलोकतांत्रिक बताया है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, सभी विपक्षी सदस्य अपनी असहमति देंगे.
इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में पेश किया था. उसके बाद 8 अगस्त, 2024 को इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया था.
इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है.
सोमवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर जेपीसी की बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा की गई थी. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए सांसदों के 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया था, जबकि विपक्ष के संशोधनों को सिरे से खारिज कर दिया गया था. विपक्षी सांसदों ने 44 बदलाव पेश किए थे.
ओवैसी क्या बोले?
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कहा, हमने डिसेंट नोट दिया है. ये वक्फ बिल मुसलमानों के खिलाफ है. ये बिल वक्फ के फेवर में नहीं है. मुसलमानों के खिलाफ अपनी आइडियोलॉजी दिखाने के लिए बीजेपी ये बिल लेकर आई है. देश में जरूरत नहीं है जिन मुद्दों की, वो बहस शुरू हो जाएगी. एक धर्म को टारगेट किया जा रहा है.
सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, जेपीसी में चर्चा नहीं की गई. वो लोग मजहब में दखल देना चाह रहे हैं. हम तो स्पष्टता चाहते हैं. मुस्लिम लॉ के खिलाफ भेदभाव नहीं होना चाहिए. हम भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.