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प्लेन में खराबी के बाद भारत ने ट्रूडो को ऑफर किया था पीएम मोदी का विमान, कनाडा ने किया इनकार

सरकार से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया भारत सरकार ने ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को कनाडा लौटने के लिए एयर इंडिया वन विमान की पेशकश की थी. लेकिन कनाडा ने भारत सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया था. भारत सरकार के इस प्रस्ताव के छह घंटे बाद कनाडा प्रशासन ने बताया कि वे कनाडा से अपने विमान के आने का इंतजार करेंगे. 

पीएम मोदी के साथ जस्टिन ट्रूडो पीएम मोदी के साथ जस्टिन ट्रूडो
शिव अरूर
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justine Trudeau) आखिरकार 36 घंटे के इंतजार के बाद स्वदेश लौट गए हैं. उन्हें रविवार को कनाडा लौटना था लेकिन विमान में तकनीकी खराबी की वजह से उन्हें दो दिनों तक भारत में ही रुकना पड़ा. 

सरकार से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया भारत सरकार ने ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को कनाडा लौटने के लिए एयर इंडिया वन विमान की पेशकश की थी. लेकिन कनाडा ने भारत सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया था. भारत सरकार के इस प्रस्ताव के छह घंटे बाद कनाडा प्रशासन ने बताया कि वे कनाडा से अपने विमान के आने का इंतजार करेंगे. एयर इंडिया वन बोइंग 777 एयरक्राफ्ट है, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री विदेशी दौरों के लिए करते हैं.

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बता दें कि G20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ट्रूडो रविवार को स्वदेश रवाना होने वाले थे. लेकिन उड़ान भरने से पहले जांच के दौरान विमान में तकनीकी खराबी सामने आ गई थी. इसके बाद कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों ने विमान एयरबस CFC001 को उड़ान भरने से रोक दिया था. 

इसके बाद कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया था कि जस्टिन ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को भारत से वापस ले जाने के लिए एक बैकअप विमान CFC002 आ रहा है. हालांकि, बैकअप विमान नहीं आया, वे विमान के ठीक होने के बाद उसी से दोपहर 1 बजे रवाना हुए थे. कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को बताया गया कि तकनीकी खराबी ठीक कर ली गई है. उसे उड़ान भरने की अनुमति मिल गई है.  

ट्रूडो की पीएम मोदी से हुई थी द्विपक्षीय वार्ता

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जस्टिन ट्रूडो ने G20 के इतर पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में चरमपंथी तत्वों की जारी भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में भारत की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया. पीएम मोदी ने ट्रूडो का ध्यान उन खालिस्तानी अलगाववादियों की ओर खींचा जो राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे थे और भारतीयों को धमकी दे रहे थे.

पीएम मोदी और ट्रूडो के बीच हुई मुलाकात में भी मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि पीएम मोदी ने सख्त लहजे में कहा था कि वे कनाडा में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं. 

यह पहली बार नहीं है जब भारत में ट्रूडो की यात्रा को उस तरह की तवज्जो नहीं दी गई, जितनी अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष को दी जाती है. 2018 में ट्रूडो जब भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आए थे, उस दौरान भी ट्रूडो की यात्रा को उतनी तवज्जो नहीं दी थी. उस यात्रा के दौरान ट्रूडो और उनका पूरा परिवार ताजमहल देखने गया. इस दौरान भी भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रूडो को नजरअंदाज किया था.

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ट्रूडो की फजीहत पर कनाडा का मीडिया बिफरा

बता दें कि G20 समिट में शिरकत के लिए भारत पहुंचे ट्रूडो को अपने घर में ही आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है. कनाडा की मीडिया और विपक्षी नेताओं का कहना है कि G20 समिट में भारत और अन्य देशों द्वारा जस्टिन ट्रूडो को उपेक्षित किया गया. वहीं, कनाडा के समाचार पत्र टोरंटो सन ने पीएम मोदी के साथ ट्रूडो की तस्वीर छापी. इसका टाइटल दिया गया...'दिस वे आउट'.  अखबार ने जो तस्वार छापी, उसमें पीएम मोदी ट्रूडो से हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही ट्रूडो को आगे बढ़ने के लिए इशारा कर रहे हैं. अखबार ने आगे लिखा, ट्रूडो को लगता है कि भारत में जी-20 में उनके कुछ दोस्त हैं.

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