
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा कारता-ए-परवान पर हमले में जान गंवाने वाले 60 साल के सविंदर सिंह कई साल से काबुल में रह रहे थे. लेकिन जब से तालिबान ने वहां सत्ता पर कब्जा किया, उसके बाद से वह भारत आना चाहते थे. यहां उनका परिवार रहता है. इसके लिए उन्होंने वीजा के लिए भी अप्लाई किया था, लेकिन हमले में उनकी जान चली गई.
सविंदर सिंह की पत्नी पाल कौर ने बिलखते हुए कहा कि उनके पति भारत आना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने वीजा के लिए आवेदन किया था. रविवार को इसकी मंजूरी भी मिल गई, लेकिन काश इसकी मंजूरी पहले ही मिल जाती, तो उनके पति की बेरहमी से मौत नहीं होती.
सविंदर सिंह काबुल में छोटी सी पान की दुकान चलाते थे.
सविंदर सिंह गुरद्वारा कारता-ए-परवान में रहते थे. हमलावरों ने इसी गुरुद्वारे को टारगेट किया था. हमले में 2 लोगों की मौत हो गई. सविंदर सिंह की पत्नी पाल कौर ने बताया कि हमें जिस बात का डर था, वही हुआ. उन्होंने कहा कि जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, तब से वह वीजा के लिए अप्लाई कर रहे थे. इतना ही नहीं, जब भी उनसे बात होती थी, उनकी कुशलता की चिंता रहती थी. हमेशा एक डर मन में बना रहता था. उन्होंने कहा कि जो वीजा आज मंजूर हुआ है, वह पहले ही मिल जाता तो उनके पति की इस तरह से मौत नहीं होती.
सविंदर की पत्नी पाल कौर ने कहा कि हम चाहते थे कि वह जल्द से जल्द वापस आ जाएं. वह अपनी दुकान बेचने और यहां स्थायी रूप से रहने के लिए तैयार थे, लेकिन वीजा की मंजूरी नहीं मिल पाई और हमने उन्हें खो दिया. उनका परिवार दिल्ली के तिलक नगर में रहता है. दरअसल, शनिवार को काबुल के बाग-ए-बाला इलाके में गुरुद्वारा पर हमला हुआ था. इस दौरान हमलावरों ने कई विस्फोट किए थे.