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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद (Dharm Sansad) पर विवाद हो गया है. यहां मौजूद धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके लिए उनको घेरा जा रहा है. सोशल मीडिया पर कालीचरण का वीडियो वायरल होने के बाद इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है.
इस बीच कालीचरण महाराज के पिता धनंजय सराग ने आजतक से बात करते हुए कहा, ''महाराज ने क्या बयान दिया यह मुझे पता नहीं. इस पर मुझे फिलहाल कुछ कहना नहीं. महाराज हिंदू धर्म के लिए काम करते हैं. वह अच्छा है, इतना ही मुझे पता है. लेकिन उन्होंने किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. बचपन से ही धर्म और आध्यात्म की ओर उनका ज्यादा झुकाव था. शिक्षा की ओर उनका इतना ज्यादा ध्यान नहीं था इसीलिए वह पढ़ाई कम और धर्मों में ही ज्यादा लगे थे.''
कालीचरण के पिता ने बताया कि पढ़ाई छोड़कर वह हरिद्वार में गायत्री मंत्र जाप के लिए गए और तब से वह काली महाराज के नाम से पहचाने जाने लगे. वह सिर्फ श्रावण मास में अकोला आते हैं, जहां देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा होती है, उसमें शामिल होने वह आते हैं.
इसके अलावा कालीचरण महाराज जिस भावसार समाज से आते हैं उसके अध्यक्ष अनिल मावले ने कहा कि महाराज को पहले से ही पढ़ाई कम और अध्यात्म और धर्म में ज्यादा रुचि थी. उन्होंने कहा- महाराज ने जो कहा है वह मैंने तो नहीं देखा, लेकिन ऐसा बयान अगर दिया गया है तो वह समाज के लिए और धर्म के लिए अच्छा नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, बापू के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने की वजह से कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है. छत्तीसगढ़ में ही टिकरापारा क्षेत्र में अपराध क्रमांक 578/2021 धारा 505(2), 294 IPC के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. संत कालीचरण के खिलाफ रायपुर के पूर्व महापौर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी.