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राजस्थानः पुलिस के बयान पर भड़का ब्राह्मण महासभा, मुआवजे और जमीन आवंटन की मांग

सपोटरा थाना के एसएचओ हरजी लाल यादव ने कहा कि यह तय नहीं है कि पुजारी ने खुद आग लगाई या फिर आरोपी कैलाश मीणा ने आग लगा ली इसकी तफ्तीश की जा रही है. एसएचओ हरजी लाल यादव के इस बयान पर ब्राह्मण महासभा ने जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग की.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 09 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST
  • जमीनी विवाद में पुजारी को जलाकर मार देने की घटना
  • इलाज के दौरान अस्पताल में पुजारी की हुई मौत
  • पुजारी के परिवार को 5 लाख और जमीन की मांग
  • CM: कार्रवाई जारी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
  • मामले में अब तक 1 गिरफ्तारी, बाकियों की तलाश जारी

राजस्थान में पुजारी को जिंदा जलाने के मामले में सियासत तेज हो गई है. ब्राह्मण महासभा और बीजेपी के चौतरफा हमले के बाद राजस्थान सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है, इस बीच सरकार ने मुकदमे में धारा 302 जोड़ते हुए आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि उसके बेटे अभी भी पकड़ से बाहर हैं.

इस बीच सपोटरा थाना के एसएचओ हरजी लाल यादव ने कहा कि यह तय नहीं है कि पुजारी ने खुद आग लगाई या फिर आरोपी कैलाश मीणा ने आग लगा ली, इसकी तफ्तीश की जा रही है. एसएचओ हरजी लाल यादव के इस बयान पर ब्राह्मण महासभा ने जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि पुजारी के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन का आवंटन किया जाए.

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परिवार ने जब शव लेने से मना कर दिया तो ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा और जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने वार्ता कर समझाया और फिर परिवार शव को लेकर गांव के लिए रवाना हुआ. पुजारी की पत्नी विमला ने कहा कि जमीन का आवंटन किया जाए और इसके अलावा हमारे एक बेटी की शादी नहीं हुई है तो उसकी शादी कराई जाए. साथ ही उनके एक बच्चे को नौकरी दी जाए.

24 घंटे के अंदर पहली गिरफ्तारी

इस बीच करौली जिले के एसपी मृदुल कछवाहा ने बताया कि 24 घंटे के अंदर आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुकदमे में धारा 302 जोड़ दिया गया है. उसके बेटों की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है.

2 दिन पहले राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा थाने के बुकना गांव से मंदिर माफी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था जिसमें पुजारी मंदिर की जमीन पर घर बनाना चाह रहे थे. गांव के पंच पटेलों ने पुजारी को वह जमीन दे दी थी और 15 दिन पहले ही पहाड़ी के नीचे जमीन को उसने समतल किया था. हालांकि उस जमीन पर कैलाश मीणा का परिवार दावा कर रहा था.

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आग में ढकेलने का आरोप

इसी बात को लेकर बुधवार की शाम दोनों पक्ष में झगड़ा हो गया और वहां पर जो बाजरा काट कर रखा हुआ था, उसमें आरोप है कि आरोपी कैलाश मीणा ने आग लगा दिया और पुजारी बाबूलाल को धकेल दिया.

बाबूलाल उस आग में बुरी तरह से झुलस गए तो उन्हें करौली के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर हालात सीरियस होने पर जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन गुरुवार की रात उनकी मौत हो गई.

पूरे मामले पर अब सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में न महिलाएं सुरक्षित हैं न लड़कियां सुरक्षित हैं और ना ही पुजारी सुरक्षित है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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