
14 जुलाई 1999 को ही करगिल युद्ध में विजय हासिल हुई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 'ऑपरेशन विजय' की घोषणा की थी. साथ ही पाकिस्तान की सराकर के साथ बात करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं. करीब 83 दिन चले इस युद्ध भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों और सैनिकों को धूल चटा दी थी. लेकिन पाकिस्तान की कायरतापूर्ण हरकत की कहानी तब शुरू हुई थी, जब 3 मई 1999 को सीमा पार से कुछ हथियारबंद घुसपैठिये करगिल जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में देखे गए थे. एक स्थानीय चरवाहे ने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी थी.
भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टुकड़ी को जांच करने भेजा लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठियों ने पांच जवानों बंधक बना लिया. 5 मई को सूचना मिली कि उन जवानों को घुसपैठियों ने मार डाला. माहौल गर्म हो रहा था. तनाव बढ़ रहा था. सेना कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रही थी कि 9 मई 1999 को पाकिस्तान की तरफ से ताबड़तोड़ गोले बरसाए गए. इससे करगिल में भारतीय सेना के हथियार डिपो बर्बाद हो गए. कई सैनिक घायल हुए. कुछ शहीद हो गए.
तीन जगहों से पाकिस्तानी सीमा पार कर आए थे देश में
अगले 24 घंटे में तो सीमा पार से द्रास, ककसर और मुस्कोह इलाके से और कई घुसपैठियों ने सीमा पार कर लिया. मई के मध्य में भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में मौजूद जवानों को करगिल जिले की तरफ रवाना किया. 26 मई को भारतीय सेना की मदद करने के लिए वायु सेना ने दुश्मन के कब्जे वाले पोजिशन पर गोले गिराने शुरू किए. पाकिस्तान ने अंजा मिसाइल से एक मिग-21 और मिग-27 को मार गिराया. फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को बंधक बना लिया. इन्हें 3 जून 1999 को बतौर युद्धबंदी रिहा किया गया. 28 मई को पाकिस्तान ने वायुसेना को एमआई-17 हेलिकॉप्टर को मार गिराया. उसमें मौजूद चार भारतीय जवान शहीद हो गए.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोलीबारी, लद्दाख देश से कट गया था
1 जून 1999 को पाकिस्तानी सेना के तोप के गोले लगातार NH-1 पर गिर रहे थे. इस शेलिंग की वजह से लद्दाख बाकी देश से कट गया था. भारतीय सेना करगिल में चोटियों पर बैठे पाकिस्तानी घुसपैठियों को भगा न सकें. इंडियन आर्मी के हथियार, मेडिकल सप्लाई और रसद लद्दाख तक पहुंच न सके. करगिल में इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई करीब 217.4 किलोमीटर है.
यह सड़क श्रीनगर को लेह से जोड़ती है. दुनिया की सबसे ऊंची रणनीतिक सड़क. इसमें दो ही लेन है. खराब भौगोलिक स्थिति और पतली सड़क होने की वजह से यहां पर ट्रैफिक धीमी ही रहती है. पाकिस्तानी फौजी हाइवे के सामने की तरफ ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे. वहां से गोलीबारी कर रहे थे. इसके अलावा पाकिस्तानी तोपों के गोले लगातार इस सड़क को टारगेट कर रहे थे. भारत सरकार के लिए इस हाइवे को बचाना बेहद जरूरी था.
बटालिक सेक्टर के दो महत्वपूर्ण पोस्ट वापस कब्जे में आए
NH-1 भारतीय सेना के लिए सबसे प्रमुख मार्ग है. पाकिस्तानी फौजी इस सड़क पर मोर्टार्स, आर्टिलरी और एंटी-एयरक्राफ्ट गन से हमला कर रहे थे. लेकिन भारतीय एयरफोर्स और सेना के जवानों ने जान की परवाह न करते हुए NH-1 के सामने के सभी पोस्ट को जून मध्य तक पाकिस्तानी घुसपैठियों से छुड़ा लिया था. 6 जून को भारतीय सेना भयानक हमला किया. 9 जून को बटालिक सेक्टर की दो महत्वपूर्ण चोटियां सेना के कब्जे में वापस आ गईं. भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर को दो महत्वपूर्ण पोजिशन पर फिर से कब्जा कर लिया था.
द्रास के तोलोलिंग पर भारतीय सेना ने फहराया तिरंगा, नवाज ने मानी हार
11 जून को परवेज मुशर्रफ और लेफ्टि. जनरल अजीज खान की बातचीत को सार्वजनिक किया गया. 13 जून को भारतीय सेनाओं ने द्रास में तोलोलिंग पर कब्जा जमा लिया. इसमें इंडियन आर्मी के कई जवान शहीद हुए लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चोटी पर सेना का वापस कब्जा हो गया. 13 जून को भारतीय सेना ने द्रास के तोलोलिंग को वापस हासिल कर लिया था. सभी घुसपैठियों को मार गिराया था. दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि वो तुरंत अपने सैनिकों और घुसपैठियों को वापस बुलाएं. 29 जून तक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता रहा. इधर भारतीय सेना पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब देती रही. भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर हमला बोल दिया था.
भारतीय जवानों कौ रौद्र रूप देख टाइगर हिल से पाकिस्तानी भागे
4 जुलाई 1999 को भारतीय सेना तीन रेजिमेंट (सिख, ग्रेनेडियर्स और नागा) ने टाइगर हिल पर पाकिस्तान के नॉर्दन लाइट इंफ्रैंट्री को धूल चटा दी. 12 घंटे चली लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर वापस कब्जा किया गया. 5 जुलाई 1999 को नवाज शरीफ ने हार मानते हुए अपनी सेना को वापस बुलाया. 7 को भारतीय सेना ने बटालिक के जुबार हिल पर अपना कब्जा वापस जमा लिया. पाकिस्तानी फौज और घुसपैठिये दुम दबाकर भाग चुके थे. 14 जुलाई 1999 को 'ऑपरेशन विजय' के पूरा होने की घोषणा की गई.