
कर्नाटक बीजेपी के भीतर सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. राज्य में पार्टी के अंदर असंतोष की लहर तेज होती जा रही है. चिक्कबल्लापुर से सांसद और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. केशव सुधाकर ने पार्टी नेतृत्व पर तानाशाह के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है.
कर्नाटक बीजेपी में हाल ही में घोषित जिला अध्यक्षों की सूची पर असहमति जताते हुए सुधाकर ने कहा कि उनके अपने संसदीय क्षेत्र में अध्यक्ष चयन को लेकर उनसे कोई सलाह नहीं ली गई. उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को राज्य में दरकिनार किया जा रहा है और संगठन पर एक ही परिवार का नियंत्रण राज्य में बढ़ता जा रहा है.
नेतृत्व को लेकर नराज हैं
साल 2019 में के दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए डॉ. सुधाकर अब खुले तौर पर राज्य अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के नेतृत्व को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने इस मुद्दे को पार्टी आलाकमान तक ले जाने का भी संकेत दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है.
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विधानसभा चुनाव पर असर पड़ सकता है
केशव सुधाकर के इन बयानों से कर्नाटक बीजेपी में आंतरिक कलह और गहरी होती दिख रही है, जिससे आगामी चुनावी समीकरणों पर भी असर पड़ सकता है. सुधाकर कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में थे.
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वह 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में चिक्कबल्लापुर से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे. बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए.