
कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने राज्य में नीट को रद्द करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को अपनी सहमति दे दी है. सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव बना और पास हो गया. यह विधेयक नीट परीक्षा के खिलाफ है. इसमें या तो इसे किसी अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षा से बदलने या इसे कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) से जोड़ने का प्रस्ताव है.
विधेयक को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि राज्यों को 12वीं क्लास के नंबर्स के आधार पर मेडिकल एडमिशन की अनुमति दी जाए, जैसा कि नीट के कार्यान्वयन से पहले किया जाता था.
प्रस्ताव पारित हुआ तो राज्य आयोजित करेगा प्रवेश परीक्षा
यह प्रस्ताव नीट-यूजी परीक्षा 2024 में अनियमितताओं और पेपर लीक मामलों को लेकर देश भर में चल रहे विवाद के बीच तैयार किया गया है. अगर यह राज्य विधानसभा में पारित हो जाता है, तो कर्नाटक मेडिकल कॉलेजों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के सेलेक्शन के लिए अपनी खुद की प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करेगा.
पिछले महीने, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया और केंद्र से राज्य सरकारों को मेडिकल एडमिशन की अनुमति देने को कहा था. मनिथानेया मक्कल काची, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, तमिलगा वेट्री कड़गम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित कई क्षेत्रीय दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था.
'नीट निष्पक्ष परीक्षा नहीं है'
सांसद के कनिमोझी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'तमिलनाडु लगातार कह रहा है कि हम नीट नहीं चाहते हैं. अब यह साबित हो गया है कि नीट एक निष्पक्ष परीक्षा नहीं है और नीट के कारण छात्रों को बहुत नुकसान हो रहा है.' कनिमोझी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि नीट को खत्म कर दिया जाए. हमने अपनी विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है और यह अभी भी राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए लंबित है.'
एनटीए द्वारा 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर हुई थी, जिसमें 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे. विशेष रूप से, 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 नंबर हासिल किए थे, जिसके कारण देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट में 40 याचिकाओं पर हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नीट मामले को लेकर 40 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. इस दौरान पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया, ग्रेस मार्क्स, राजस्थान से सबसे ज्यादा सेंटर और टॉपर्स की लिस्ट पर लंबी बहस चली है. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली को एक तीन सदस्यीय समिति गठित करने को कहा है, ताकि एक सवाल के दो जवाबों पर भ्रम को दूर किया जा सके.
कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध है कि वे आईआईटी दिल्ली के निदेशक को आदेश की जानकारी दें, ताकि राय तैयार करने के लिए शीघ्र कदम उठाए जा सकें. नीट यूजी की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी और केंद्र अपनी दलीलें कोर्ट के सामने रखेगा.