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कर्नाटक: CM सिद्धारमैया ने साधा निशाना, गणतंत्र दिवस की परेड में झांकियां शामिल न करने का लगाया आरोप

सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र ने कर्नाटक की झांकियों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है. कर्नाटक को पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था.

सिद्धारमैया ने केंद्र पर साधा निशाना. (फाइल फोटो) सिद्धारमैया ने केंद्र पर साधा निशाना. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:14 PM IST

गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं होने पर सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने कर्नाटक को झांकी को परेड में शामिल करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अनुसार, कर्नाटक की झांकियों में मैसूर के शासक नलवाडी कृष्णराज वोडेयार, कित्तूर रानी चेन्नम्मा के जीवन को प्रदर्शित करना शामिल था, जिन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की तरह अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.

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'केंद्र ने किया हमारा अपमान'

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट साझा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी को मौका न देकर सात करोड़ कन्नड़ वासियों का अपमान किया है. कर्नाटक को पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था, क्योंकि हमारे राज्य की झांकी को शुरू में अस्वीकार कर दिया गया था. बाद में उन्होंने कर्नाटक चुनाव को ध्यान में रखते हुए इजाजत दे दी. इस बार केंद्र सरकार ने कन्नड भाषियों का अपमान करने की अपनी प्रवृत्ति को फिर से जारी रखा है.

कर्नाटक की ओर से कई झांकियों के प्रस्ताव भेजे गए थे, लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र सरकार ने इन सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. हमने अपने राज्य के लोकतंत्र और विकास में उनके अपार योगदान को दर्शाने के लिए नलवाडी कृष्णराज वोडेयार की झांकी की परिकल्पना की थी. हमने कर्नाटक की समृद्ध प्रकृति और ब्रांड बेंगलुरु को प्रदर्शित करने के प्रस्तावों के साथ-साथ कित्तूर रानी चेन्नम्मा और नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान को दर्शाने के लिए भी प्रस्ताव भेजे थे. हालांकि, केंद्रीय समिति ने हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिससे हम देश को अपने राज्य से परिचित कराने के अवसर से वंचित हो गए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तथ्य कि राज्य में कांग्रेस सरकार सत्ता में है, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय प्रतीत होता है. कर वितरण से लेकर सूखा राहत में अन्याय, बैंकों की बिक्री तक कन्नडभाषी द्वारा बनाए गए बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर केंद्र लगातार राजनीतिक द्वेष से राज्य के लोगों पर हमला कर रही है. अब झांकी प्रस्तुति में राज्य को मौका नहीं देकर हमारी पहचान पर फिर से हमला किया है.

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धैर्य की परीक्षा ने ले केंद्र: सीएम

कन्नड़ और कर्नाटक के प्रति केंद्र सरकार की ओर से लगातार हो रहे अन्याय से कन्नड़भाषी लोग पहले से ही गुस्से में हैं. केंद्र सरकार को उनके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. अभी भी बहुत देर नहीं हुई है. केंद्र सरकार को तुरंत अपनी गलती सुधारनी चाहिए और हमें प्रतिष्ठित गणतंत्र दिवस परेड में झांकी प्रस्तुति में भाग लेने की अनुमति देकर कर्नाटक के साथ हुए अन्याय को सुधारना चाहिए.

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान भी गणतंत्र दिवस की परेड में झांकियों में शामिल न करने का आरोप लगाया था. 

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