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'मेरी पत्नी ने आवेदन पत्र में व्हाइटनर लगाया क्योंकि...', MUDA लेटर विवाद पर सिद्धारमैया ने दी सफाई

सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पत्नी पार्वती ने पत्र में मूल भूमि को MUDA द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित किए जाने के बाद, उसके बदले में एक भूखंड की मांग की थी. हालांकि, रिप्लेसमेंट के लिए सुझाए गए विकल्प उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें व्हाइटनर से सफेद कर दिया गया था.  

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (PTI Photo) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (PTI Photo)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) को 2014 में लिखे गए पत्र में व्हाइटनर का उपयोग करके एक पंक्ति मिटाने को लेकर ​विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी और जेडीएस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करके मूडा घोटाले को छिपाने प्रयास कर रही है. अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने X पर एक पोस्ट करके इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है. 

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सिद्धारमैया ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उनकी पत्नी द्वारा मूडा को लिखे गए लेटर के नीचे से रोशनी का उपयोग करके उन शब्दों को दिखाने की कोशिश की गई है, जिन पर व्हाइटनर लगाया गया है. सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पत्नी पार्वती ने पत्र में मूल भूमि को MUDA द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित किए जाने के बाद, उसके बदले में एक भूखंड की मांग की थी. हालांकि, रिप्लेसमेंट के लिए सुझाए गए विकल्प उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें व्हाइटनर से सफेद कर दिया गया था.  

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर एक पोस्ट में वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'मेरी पत्नी ने अपनी भूमि को अवैध रूप से अधिग्रहित करने के बदले में वैकल्पिक भूमि का अनुरोध करते हुए MUDA को एक पत्र लिखा था, जिसमें कुछ शब्दों को व्हाइटनर से ढक दिया गया था. भाजपा-जद(एस) नेता इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं जैसे यह कोई बड़ा अपराध हो. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि व्हाइटनर द्वारा छिपाए गए शब्द क्या हैं. नफरत का चश्मा उतारो और ठीक से देखो.'

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उन्होंने आगे लिखा- मेरी पत्नी ने देवनूर थर्ड स्टेड के लेआउट या बाद में प्राधिकरण द्वारा विकसित किसी समानांतर लेआउट में वैकल्पिक भूमि का अनुरोध किया था. देवनूर थर्ड स्टेड लेआउट मेरी पत्नी की उसी भूमि पर विकसित किया गया था, जिसे MUDA द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित किया गया था. चूंकि उस लेआउट में भूखंड उपलब्ध नहीं थे, इसलिए मेरी पत्नी ने अपने आवेदन में 'देवनूर थर्ड स्टेज लेआउट या बाद में' शब्दों को व्हाइटनर से कवर करके प्राधिकरण द्वारा विकसित समानांतर लेआउट में एक भूखंड आवंटित करने का अनुरोध किया. इस लेटर में कोई अतिरिक्त नोट, आदेश या निर्देश नहीं है- बस उस भूमि में एक भूखंड आवंटित करने का अनुरोध है जो मूल रूप से मेरी पत्नी की थी.

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सिद्धारमैया ने बीजेपी और जेडीएस नेताओं पर पलटवार करते हुए लिखा, 'कुछ स्वयंभू कानूनी विशेषज्ञ, जो यह कहते हुए शोर मचा रहे थे कि सीएम की पत्नी ने विजयनगर में एक भूखंड का अनुरोध किया था, और MUDA मुद्दा चर्चा में आने के बाद, किसी ने सिद्धारमैया की ओर से जाकर 2014 में लिखे गए पत्र पर व्हाइटनर लगाया, अब उनका क्या कहना है? जल्दबाजी में कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने अपनी ही नाक काट ली और फिर पूरी रात शीशे के सामने खड़े होकर रोते रहे- ये है उनकी कहानी. भाजपा-जेडीएस के नासमझ नेता, जो आधारहीन आरोप लगा रहे हैं, मुझे और मेरे परिवार को अपराधियों के रूप में चित्रित कर रहे हैं, आज जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं. सच्चाई छिप नहीं सकती- इसे सामने आने में कुछ समय जरूर लग सकता है, लेकिन हमेशा अंत में जीत सच्चाई की ही होती है.'

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सिद्धारमैया पर सबूत मिटाने की कोशिश का आरोप

विपक्षी दलों भाजपा और जेडीएस ने दावा किया था कि व्हाइटनर का इस्तेमाल उस लाइन को मिटाने के लिए किया गया था जिसमें पार्वती ने विशेष रूप से पॉश विजयनगर लेआउट में वैकल्पिक जमीन मांगी थी. यह जगह मूडा भूमि आवंटन घोटाले के आरोपों के मूल में है, जिसके लिए कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है. कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा, 'सिद्धारमैया के खिलाफ हमारा संदेह मजबूत हो गया है, जो दावा कर रहे हैं कि उनकी पत्नी ने किसी विशिष्ट लेआउट में भूखंड नहीं मांगा था. इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए.'

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एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया पर उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया पर MUDA केस में 'पूरे समय झूठ बोलने' का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'आप (सिद्धारमैया) दावा करते हैं कि आपके 40 साल के राजनीतिक जीवन में एक भी दाग नहीं है. फिर आपने व्हाइटनर से दाग मिटाने की कोशिश क्यों की? आपके और आपके परिवार ने MUDA में सरकारी जमीन कैसे हड़पी, यह साबित करने के लिए कई रिकॉर्ड हैं. क्या यह सच नहीं है कि उन रिकॉर्ड को आपके गुर्गों ने MUDA से चोरी-चुपके बाहर निकाला था? सिद्धारमैया, क्या व्हाइटनर उन दागों को मिटा देगा?' पार्वती ने 2014 के अपने पत्र में लिखा है कि MUDA ने 2001 में उनकी जमीन पर देवनूर लेआउट का विकास किया. हालांकि, उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने तीन साल बाद 2004 में जमीन खरीदी, फिर 2010 में इसे उन्हें गिफ्ट में दिया.

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