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कर्नाटक: 13 घंटे की पूछताछ के बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED का एक्शन

कर्नाटक में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. एजेंसी ने वाल्मिकी कॉर्पोरेशन स्कैम केस में उनसे 13 घंटे पूछताछ की और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया. इससे पहले एजेंसी ने केस के संबंध में छापेमारी भी की थी, जिसमें कैश और डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए थे.

कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:51 AM IST

कर्नाटक वाल्मिकी कॉर्पोरेशन स्कैम केस में ईडी ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. उनपर महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित गड़बड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने 13 घंटे लंबी पूछताछ के बाद शुक्रवार रात 10.30 बजे कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया.

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सूत्रों ने बताया कि नागेंद्र को शनिवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां ईडी आगे की पूछताछ के लिए अदालत से रिमांड की मांग करेगा. इससे पहले गुरुवार को एजेंसी ने मामले के संबंध में कर्नाटक समेत चार राज्यों में छापेमारी की और 50 लाख रुपये समेत कुछ दस्तावेज जब्त किए.

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ईडी ने इन चार राज्यों में की थी छापेमारी

ईडी ने पिछले दो दिनों में नागेंद्र और निगम के अध्यक्ष सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल के परिसरों समेत कई जगहों पर तलाशी ली है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की थी. 

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वाल्मिकी कॉर्पोरेशन में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला तब सामने आया जब कॉर्पोरेशन के लेखा अधीक्षक पी चंद्रशेखरन ने 26 मई को सुसाइड कर ली. उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर 87 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया था.

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चंद्रशेखरन ने अपने सुसाइड नोट में लगाए आरोप

इसी हेराफेरी की वजह से चंद्रशेखरन ने आत्महत्या करने से पहले छह पन्नों का नोट लिखा और दो अधिकारियों को दोषी ठहराया. इनमें एक जेजी पद्मनाभ (प्रबंध निदेशक) और दूसरे परशुराम (एकाउंटेंट) नाम के अधिकारी शामिल हैं.

चंद्रशेखरन ने अपने सुसाइड नोट में बेंगलुरु में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच की मुख्य प्रबंधक शुचिता का भी नाम लिया. इसके बाद राज्य सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था, जिसने बी नागेंद्र से भी पूछताछ की थी.

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