
कर्नाटक में चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. आज मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई ने शिग्गांव सीट से नामांकन कर दिया है तो जेडीएस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के बाद अब एनसीपी भी कर्नाटक के चुनावी मैदान में दिखाई देगी.
शरद पवार की पार्टी एनसीपी कर्नाटक की 40-45 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. अब तक यहां चार मुख्य पार्टियां मैदान में थी, जिनमें बीजेपी, कांग्रेस, जेडीएस और आम आदमी पार्टी शामिल है. हालांकि अब शरद पवार की इस घोषणा के बाद प्रदेश में राजनीति और भी दिलचस्प हो जाएगी. शरद पवार ने इसको लेकर कल पार्टी नेताओं की मुंबई में मीटिंग भी बुलाई है. एनसीपी के कर्नाटक अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में शरद पवार की 5-6 रैलियां भी होंगी.
जेडीएस ने महिलाओं पर किया पूरी तरह फोकस
वहीं जेडीएस ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. इसमें महिलाओं को एक साल में पांच कुकिंग सिलेंडर, प्रेग्नेंट महिलाओं को छह महीने के लिए छह हजार रुपये, विधवा महिलाओं को 900 रुपये की जगह 2500 रुपये सहायता राशि देंगे. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पांच हजार रुपये सैलरी और रिटायरमेंट के 15 साल तक पेंशन भी देने का ऐलान किया गया है.
किसानों-बुजुर्गों पर फोकस
इसके अलावा किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये की सहायता, हर किसान परिवार को दो हजार रुपये महीने और शादी करने वाली युवतियों को दो लाख रुपये देने की घोषणा की है. वहीं बुजुर्गों की पेंशन 1200 से बढ़ाकर 5000, दिव्यांग पेंशन 7500 रुपये करने की घोषणा की है. इसके अलावा मेनिफेस्टो में और भी कई ऐलान किए गए हैं.
पूर्व डिप्टी सीएम ने बीजेपी छोड़ी
इसके अलावा जिन सिटिंग विधायकों को अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिला, वो विधायक भी पार्टी बदल रहे हैं. बीजेपी के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने भी बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. सावदी ने कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मुलाकात के बाद यह ऐलान किया.
इसके अलावा कांग्रेस से टिकट कटने से नाराज विधायक भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने चुनाव को लेकर ऑब्जर्वर भी नियुक्त कर दिए हैं. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद कर्नाटक से आते हैं, इसलिए अब उनके लिए कर्नाटक चुनाव उनके लिए एक चुनौती बन गई है.