
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बने अभी तीन महीने भी नहीं हुए हैं कि यहां विधायकों में अपनी ही सरकार से नाराजगी की खबर सामने आ रही हैं. हालांकि राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है. इस बीच डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार इस साल विकास के ज्यादा कार्य नहीं कर सकती है क्योंकि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पार्टी द्वारा जारी किए गए चुनाव पूर्व गांरटी को लागू करना होगा.
विधायक नाराज!
दरअसल 11 कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने 20 मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के कार्यों को लेकर पत्र लिखा, लेकिन मंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया. इस पत्र में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन का आवंटन न होने का दावा करते हुए नाराजगी व्यक्त की थी.
शिवकुमार की सफाई
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को 11 विधायकों द्वारा लिखे गए शिकायत पत्र को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने फर्जी बताया. शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास नई विकास परियोजनाओं के लिए कोई पैसा नहीं है क्योंकि उसने अपने पांच चुनावी वादों को पूरा करने के लिए धन अलग रखा है. मुख्यमंत्री को लिखे विधायकों के शिकायत पत्र को फर्जी बताते हुए शिवकुमार ने कहा कि मंत्रियों ने विधायकों को स्थिति के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी. इससे पहले शिवकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में सभी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी.
उन्होंने कहा कि विधायकों को फंड के लिए इंतजार करने के लिए कहा गया था क्योंकि चुनावी वादों को पूरा करने पर पैसे का एक बड़ा खर्च होगा. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को 11 विधायकों का वह शिकायत पत्र फर्जी था. कोई भी रैंडम लेटर पैड का उपयोग नहीं कर सकता और उसमें इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकता है. हमें शेष वित्तीय वर्ष के लिए पांच चुनावी वादों के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने होंगे. हम इस साल नई विकास परियोजनाओं के लिए पैसा नहीं दे सकते हैं.'
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नहीं बचा पैसा
उन्होंने कहा, 'पिछली भाजपा सरकार ने राज्य को दिवालिया बना दिया है. अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी गलतियों को सुधारें और अपनी (चुनाव) गारंटी के लिए धन की व्यवस्था करें.' डीके शिवकुमार ने तर्क दिया कि राज्य के लोगों के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव पूर्व जो पांच गारंटी का वादा किया गया था, उसके लिए सरकार को संसंधान जुटाने होंगे, इसलिए विधायकों को अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए पैसे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, कम से कम इस वित्तीय वर्ष के दौरान तो नहीं ही करनी चाहिए.यहां तक कि मेरे विभाग, जल संसाधन और सिंचाई को भी कोई धनराशि नहीं मिली है.'
डीके शिवकुमार ने कहा कि विधायकों को स्थिति की जानकारी दी गई. उन्होंने कहा, 'हमने सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के लिए भी धन आवंटित नहीं किया है. लोगों की उम्मीदें अधिक हैं और हमने विधायकों से इंतजार करने को कहा है. हम स्थिति पर चर्चा के लिए विधायकों के साथ बैठक करेंगे. यहां तक कि बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने भी हमें धैर्य रखने को कहा था.' उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने चुनावी वादों के लिए प्रति वर्ष लगभग 59,000 करोड़ रुपये अलग रखे हैं.
सीएम ने की बैठक
सत्तारूढ़ दल के भीतर असंतोष पनपने की खबरों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की. खबर के मुताबिक, बैठक में विधायकों और मंत्रियों ने अपने विचार व्यक्त किए और अपनी-अपनी स्थिति बताई, जिसके बाद सीएम ने उनसे अपनी शिकायतें सीधे उनके साथ साझा करने और पार्टी फोरम के भीतर उन पर चर्चा करने के लिए कहा.इससे पहले उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने यह भी दावा किया था कि सरकार को गिराने के लिए सिंगापुर में एक साजिश रची जा रही थी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में जहां विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर अपनी चिंताएं साझा कीं, वहीं मंत्रियों के असहयोग का आरोप लगाया. वहीं मंत्रियों ने इस संबंध में अपनी और प्रशासनिक स्थिति बताई. बताया जाता है कि गुरुवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में भी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को खासकर तबादलों के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की.
बीजेपी पर हमलावर हुए सीएम
सीएलपी बैठक को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने बीजेपी को 'झूठ की फैक्ट्री' बताया और पार्टी सहयोगियों से इसे लेकर सतर्क रहने को कहा. सिद्धारमैया ने कहा, 'पहले वे झूठ रचते हैं. फिर वे उसे अपने झूठ परिवार के माध्यम से फैलाते हैं, और फिर वे यह सुनिश्चित करेंगे कि मीडिया में उसी झूठ पर चर्चा हो. झूठ की फैक्ट्री में काम करने वाले लोग झूठ फैलाते हैं और उसे सच के रूप में पेश करते हैं. वे इस पर बहुत खर्च करते हैं. हमें यह सब ठीक से समझना चाहिए और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.'
विधायकों में नाराजगी
मंगलवार को, सिद्धारमैया ने पार्टी विधायकों के बीच असंतोष की अटकलों को खारिज कर दिया था, उन्होंने कहा था, 'हमने कुछ समय से विधायक दल की बैठक नहीं की है. हमने 19 जुलाई को एक बैठक निर्धारित की थी, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होने वाले थे, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया. लोगों को यह भी सोचना चाहिए कि सरकार अभी मुश्किल से दो महीने ही चली है.'
(इनपुट्स- पीटीआई)