
कर्नाटक सरकार ने सीबीआई को जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी की संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देती है. जनार्दन रेड्डी ने 2023 के चुनावों से कुछ हफ्ते अपनी पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष बनाई है.
सीबीआई ने रेड्डी की संपत्तियों को जब्त करने के लिए कर्नाटक सरकार से अनुमति मांगी थी. चूंकि सरकार ने संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति नहीं दी, इसलिए सीबीआई ने जब्त करने के निर्देश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सीबीआई को संपत्तियों को सीज करने की अनुमति दी जाए. सीबीआई ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रेड्डी की करीब 219 नई संपत्तियों का पता लगाया था.
2011 में गिरफ्तार हुए थे जनार्दन रेड्डी
जनार्दन रेड्डी को 2011 में करोड़ों के अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किया गया था. साल 2015 में उन्हें जमानत मिल गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने सहित कई पाबंदिया लगा दी थी. उन्हें कर्नाटक के बेल्लारी, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और कडप्पा में जाने पर भी रोक लगाई गई थी. हालांकि अब शीर्ष अदालत ने बेल्लारी जाने पर लगी रोक को हटा दिया है. जनार्दन रेड्डी को उनके गृह जिले बल्लारी से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है, इसलिए वह गंगावती से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में देखना है कि बीजेपी के लिए किस तरह का सियासी संकट खड़ा करते हैं?
कर्नाटक की राजनीति में 'रेड्डी ब्रदर्स' का बोलबाला
कर्नाटक की राजनीति में जनार्दन रेड्डी और उनके भाइयों को 'रेड्डी ब्रदर्स' के नाम से जाना जाता है. रेड्डी ब्रदर्स तीन भाई हैं. सबसे बड़े गली करुणाकर रेड्डी फिर गली जनार्दन रेड्डी और सबसे छोटे गली सोमशेखर रेड्डी. जनार्दन रेड्डी के बड़े भाई करुणाकर रेड्डी हरपनहल्ली सीट से बीजेपी के विधायक हैं, जबकि छोटे भाई सोमशेखर रेड्डी बेल्लारी ग्रामीण सीट से विधायक हैं. इसके अलावा उनके दोस्त बीजेपी नेता श्रीरामुलु कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं. आंध्र प्रदेश से सटे हुए कर्नाटक इलाके में 'रेड्डी ब्रदर्स' की सियासी तूती बोलती है.
(इनपुट- अनघ)