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कर्नाटक HC से सिद्धारमैया को राहत, MUDA मामले को CBI को सौंपने से किया इनकार

हाई कोर्ट का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए राहत की बात है, क्योंकि इसमें उनके खिलाफ अनियमितताओं के आरोप शामिल थे. यह मामला विकास प्राधिकरण द्वारा सीएम की पत्नी पार्वती बीएम को 14 साइटों के अवैध आवंटन से जुड़ा है.

CM सिद्धारमैया (तस्वीर: PTI) CM सिद्धारमैया (तस्वीर: PTI)
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

कर्नाटक हाई कोर्ट ने RTI एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण साइट आवंटन मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की मांग की गई थी. इस फैसले के बाद इस केस की जांच लोकायुक्त द्वारा की जाएगी. पिछले महीने कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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हाई कोर्ट का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए राहत की बात है, क्योंकि इसमें उनके खिलाफ अनियमितताओं के आरोप शामिल थे. यह मामला विकास प्राधिकरण द्वारा सीएम की पत्नी पार्वती बीएम को 14 साइटों के अवैध आवंटन से जुड़ा है. 

'फैसले का स्वागत...'

सिद्धारमैया ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, "मैं अदालत के फैसला का स्वागत करता हूं, फैसले का सम्मान करूंगा."

वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा है कि वे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे. 

उन्होंने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला वापस लेने के लिए धमकाया गया और पैसै की लालच दी गई. कृष्णा, MUDA भूमि अधिग्रहण घोटाले में प्रमुख शिकायतकर्ताओं में से एक हैं. 

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