
कर्नाटक हाईकोर्ट ने चुनावी कदाचार का आरोप लगाते हुए वरुणा विधानसभा क्षेत्र से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव ने आदेश दिया कि नोटिस का जवाब 1 सितंबर तक दिया जा सकता. साथ ही मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
दरअसल, याचिका में कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र को "गलत" ठहराया गया है, जिसमें पांच गारंटियों का वादा किया गया था. इन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव के समान भ्रष्ट आचरण कहा गया है. याचिका में आरोप लगाया गया कि सिद्धारमैया ने संविधान के प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है.
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि उक्त गारंटी उम्मीदवार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए प्रस्ताव और वादों की प्रकृति में हैं. यह प्रतिवादी (सिद्धारमैया) की सहमति से किया गया था. वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को सीधे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिलाने में उन्होंने ही जिम्मेदारी निभाई.
बता दें कि निर्वाचन क्षेत्र के एक निजी नागरिक के एम शंकर द्वारा दायर चुनाव याचिका न्यायमूर्ति यादव की एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष आई. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव अवधि के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)