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कर्नाटक हाई कोर्ट ने 'क्रूर कुत्तों' की 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने वाला केंद्र सरकार के सर्कुलर को रद्द किया

कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह का सर्कुलर जारी करने से पहले पालतू जानवरों के मालिकों और संबंधित संगठनों से परामर्श किया जाना चाहिए था. हाई कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि पालतू जानवर अगर किसी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो मालिक जिम्मेदार हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
नलिनी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

कर्नाटक हाई कोर्ट ने 'क्रूर कुत्तों' की 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र सरकार के सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा जारी उस सर्कुलर को रद्द कर दिया जिसमें 'मानव जीवन के लिए खतरनाक कुत्तों' की 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. 

हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार एक उचित समिति का गठन किए बिना और हितधारकों को सुने बिना पूर्ण प्रतिबंध पारित नहीं कर सकती थी. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह का सर्कुलर जारी करने से पहले पालतू जानवरों के मालिकों और संबंधित संगठनों से परामर्श किया जाना चाहिए था. हाई कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि पालतू जानवर अगर किसी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो मालिक जिम्मेदार हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार इस तरह से प्रतिबंध नहीं लगा सकती थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उचित परामर्श के बाद और उचित प्रक्रिया का पालन करके एक नया सर्कुलर जारी कर सकती है.

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सर्कुलर में कुत्तों के जिन नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें मिश्रित और क्रॉस ब्रीड्स नस्लें जैसे पिटबुल टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, साउथ रस‌ियन शेफर्ड कुत्ता (ओवचर्का), टॉर्नजैक, डोगो अर्जेंटीनो, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, कोकेशियान शेफर्ड कुत्ता (ओवचार्का), अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबेल, कांगल, सेंट्रल एशियन शेफर्ड डॉग (ओवचार्का), सरप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ़्स (बोअरबुल्स), रॉटवीलर, टेरियर्स, रोडेशियन रिजबैक, मॉस्को गार्ड कुत्ता, केन कोरो वुल्फ डॉग, कैनारियो, अकबाश कुत्ता, और उस प्रकार का प्रत्येक कुत्ता, जिसे आमतौर पर बैन डॉग (या बैंडोग) के नाम से जाना जाता है.

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