
कर्नाटक हनीट्रैप कांड में SIT की जांच की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई से इनकार कर दिया. अदालत ने इसे 'राजनीतिक बकवास' करार देते हुए कहा कि हमारे पास और भी जरूरी काम हैं. हालांकि बेंगलुरु में विधानसभा के भीतर एक 'सीक्रेट लेटर' के जरिए उठाए गए इस मुद्दे ने कर्नाटक तक ही नहीं, दिल्ली की सियासत में भी भूचाल ला दिया है. कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री का दावा है कि उनके अलावा 48 अन्य लोगों को भी इस हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई, जिनमें विधायक, नेता और केंद्रीय नेता तक शामिल हैं.
सीक्रेट लैटर से हुआ खुलासा
करीब 10 दिन पहले कर्नाटक के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के हाथ लगे एक 'सीक्रेट लेटर' ने कर्नाटक विधानसभा में हुए हनीट्रैप कांड का पर्दाफाश कर दिया था. पहले इस कांड को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि यह कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष का हिस्सा है, लेकिन सदन में हनीट्रैप कांड का खुलासा एक विपक्षी विधायक की ओर से किया गया, जिसने इसे राजनीतिक तौर पर दिलचस्प बना दिया.
इसके बाद 20 मार्च को कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अटकलों पर विराम देते हुए बयान दिया कि उनके अलावा ऐसे 48 और लोग भी हैं जिन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की जा रही है और इस खुलासे के बाद से सियासी तूफान खड़ा हो गया. कुछ सदस्यों ने यह भी दावा किया कि इस कांड की साजिश कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने रची है, जो सीएम पद की आस लगाए बैठे हैं.
48 से ज्यादा नेता हुए शिकार
सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना की ओर से खुद हनी-ट्रैप का शिकार होने की बात कुबूल करने के बाद यह मुद्दा गरमा गया, जिससे सदन में तीखी बहस शुरू हो गई. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और अगर हमें अपने सदस्यों की गरिमा बचानी है, तो हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी होगी. राजन्ना ने दावा किया कि हनीट्रैप की कोशिश का शिकार मैं अकेला नहीं हूं, बल्कि विधायकों और केंद्रीय नेताओं सहित 48 अन्य लोगों को हनीट्रैप किया गया है और उनके अश्लील वीडियो बनाए गए हैं.
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हनीट्रैप कांड बीजेपी के लिए एक सियासी मौके की तरह है और पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर 'हनीट्रैप फैक्ट्री' चलाने का आरोप लगाया. साथ ही इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने आरोप लगाया कि नेतृत्व की लड़ाई के लिए राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के लिए इस घोटाले की साजिश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रची है. यतनाल ने किसी का नाम लिए बिना चेतावनी देते हुए कहा, 'हमें ऐसी अटकलें भी सुनने को मिल रही हैं कि कुछ लोग जो सीएम पद पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं, अपने राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के लिए इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं.
सीडी, पेन ड्राइव और वीडियो
सहकारिता मंत्री राजन्ना ने कहा कि कुछ लोगों के पास सीडी और पेन ड्राइव हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक को सीडी और पेन ड्राइव का कारखाना कहा जाता है और यह बात वह नहीं बल्कि कई लोग पहले से कह चुके हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि न तो जज और न ही एसआईटी इसकी जांच कर सकते हैं. राजन्ना के इस दावे का हवाला देते हुए कि 48 लोगों को फंसाया गया था, उन्होंने उनसे उस व्यक्ति का नाम बताने की अपील की जिसने इसे अंजाम दिया. इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं हनीट्रैप के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करता हूं, इसकी गहन जांच होनी चाहिए.
मंत्री राजन्ना ने राज्य के गृहमंत्री परमेश्वर से मुलाकात कर इस मामले में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि मेरे बेंगलुरु ऑफिस में एक आदमी के साथ महिला दो बार आई. उस महिला ने कहा कि वह वकील है और मुझसे कुछ पर्सनली बात करना चाहती है. राजन्ना ने कहा कि मुझे उस महिला का नाम याद नहीं है लेकिन अगर उसे मेरे सामने लाया जाए, तो मैं उसे पहचान सकता हूं. उन्होंने दावा किया कि महिला ने खुद को हाई कोर्ट का जज बताया लेकिन वह काला कोर्ट नहीं पहले हुई थी बल्कि उसने जींस-टॉप पहन रखा था.
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गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि किसी भी पुलिस कार्रवाई के लिए स्पीकर के निर्देशों की जरूरत होगी. यह कहते हुए कि PIL पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं करेगा और स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा, परमेश्वर ने कहा कि वह किसी भी एक्शन से पहले सीएम सिद्धारमैया के साथ इस पर चर्चा की जाएगी.