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कर्नाटक में मंदिरों के रिनोवेशन के लिए 100 करोड़ का बजट, जानें क्या है सिद्धारमैया सरकार का प्लान

अयोध्या में हुए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े नेता शामिल नहीं हुए थे, जिसको लेकर बीजेपी ने पार्टी पर निशाना साधा था. इसको लेकर कर्नाटक की सिद्धामैया सरकार ने नया प्लान बनाया है ताकि पार्टी की छवि बदली जा सके.

सिद्धारमैया सरकार का मंदिरों को लेकर प्लान सिद्धारमैया सरकार का मंदिरों को लेकर प्लान
अनघा
  • बेंगलुरु,
  • 04 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. बीती 22 जनवरी को हुए कार्यक्रम में कांग्रेस, सपा, बीएसपी समेत देश के राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं को न्योता दिया गया था, लेकिन इस कार्यक्रम में विपक्ष के बड़े नेताओं में से कोई शामिल नहीं हुआ था. सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे के अयोध्या नहीं पहुंचने पर उन्हें राम मंदिर का विरोधी बताया गया. इस इमेज को क्लीन करने के लिए कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला कर सकती है. 

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा 16 फरवरी के बजट में राज्य में मंदिरों के रिनोवेशन और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित करने की उम्मीद है. सिद्धारमैया के इस कदम को बीजेपी की उस योजना का काउंटर भी कहा जा रहा है, जिसमें राज्य से 10 हजार 'रामभक्तों' को अयोध्या भेजा जाना है.

सभी मंदिरों का होगा रिनोवेशन

एक बयान के मुताबिक, सरकार से 100 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा की भी डिमांड की जा सकती है. अब ये मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निर्भर करेगा कि वह कितनी रकम जारी करते हैं. बयान के मुताबिक, मुजराई डिपार्टमेंट के तहत आने वाले तमाम मंदिरों का रिनोवेशन किया जाएगा. इसमें सिर्फ राम मंदिर शामिल नहीं होगा.

16 फरवरी को आएगा कर्नाटक का बजट

सिद्धारमैया 16 फरवरी के बजट में राज्यभर में मंदिरों के नवीनीकरण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित कर सकते हैं, जो सत्तारूढ़ कांग्रेस को हिंदू विरोधी और राम विरोधी के रूप में भाजपा की छवि का मुकाबला करने का एक कथित प्रयास है.  

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कर्नाटक के मुजराई विभाग ने पेश किया था प्रस्ताव

दरअसल कर्नाटक के मुजराई (मंदिर) विभाग द्वारा बीते सप्ताह मुख्यमंत्री को फंडिंग प्रस्ताव पेश किया गया था. जिसमें राज्य के मंदिरों के रिनोवेशन और विकास के लिए फंड की मांग की गई थी. वहीं राज्य सरकार इस बजट के जरिए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अयोध्या वाले मामले को काउंटर करने की स्थिति में आ सकती है. 

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