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कर्नाटकः मस्जिद में सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर इस्तेमाल की इजाजत

वक्फ बोर्ड की ओर से जारी सूचना में सिर्फ सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के नियम में बदलाव किया गया है, बाकी सभी नियम पिछले अधिसूचना के समान ही हैं.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
नोलान पिंटो
  • बेंगलुरू,
  • 18 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST
  • वक्फ बोर्ड ने नियमों का पालन करते हुए इजाजत दी
  • रात में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर लगाई थी रोक

कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बुधवार को सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति दे दी है. सुबह के अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी लेकिन इसके लिए निर्धारित मानकों का पालन करना जरुरी होगा. 

वक्फ बोर्ड की ओर से जारी सूचना में सिर्फ सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के नियम में बदलाव किया गया है, बाकी सभी नियम पिछले अधिसूचना के समान ही हैं.

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बोर्ड ने साफ किया है कि सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता है बशर्ते वे नियमों का पालन करें.

राज्य सरकार के मंत्री आनंद सिंह का कहना है कि पूरी तरह से चर्चा करने के बाद सरकार लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की सोच रही है.

कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड ने एक दिन पहले ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के मकसद से दरगाहों और मस्जिदों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी.

साथ ही दिन में लाउडस्पीकर की आवाज की तेजी को एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से रखने को कहा गया था. यही नहीं लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अजान और जरूरी सूचनाओं के ऐलान के लिए ही करने को कहा गया है.

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बोर्ड की ओर से जारी आदेश में सलत, जूमा कुतबा, बयान और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मस्जिद प्रांगण में मौजूद स्पीकर का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है. साथ ही किसी भी अवसर पर मस्जिद के आस-पास या मस्जिद में ऊंची आवाज के पटाखों के इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यही नहीं पर्यावरण अधिकारी से सलाह करके ध्वनि तंत्र लगवाने की बात कही गई है.

मस्जिद के अंदर मुअज़्ज़िन को एंप्लिफायर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने की बात कही गई है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि दरगाह और मस्जिदों में खाली पड़ी जगहों पर फलदार और छायादार पेड़ लगाए जाएं. इसके अलावा संभव हो तो इन जगहों पर पशु पक्षियों के लिए पानी की टंकी भी लगाई जाए. साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है.

 

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