
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के एक करीबी को सीबीईआई ने अरेस्ट कर लिया है. यह एक्शन कल हुई छापेमारी के बाद लिया गया है. जानकारी के मुताबिक, कार्ति चिदंबरम के करीबी भास्कर रमण को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. उनपर घूस लेने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
बता दें कि कार्ति चिदंबरम के 9 ठिकानों पर कल छापेमारी हुई थी. यह एक्शन चीन से जुड़े एक मामले पर हुआ था. इसी में अब भास्कर रमण की गिरफ्तारी भी हुई है.
क्या है चीन से जुड़ा केस
लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के खिलाफ CBI ने मंगलवार को एक नया मामला दर्ज किया था. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने 250 चीनी नागरिकों को भारतीय वीजा दिलाया, जिसके बदले उन्होंने 50 लाख की रिश्वत ली.
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सीबीआई टीम ने मंगलवार को कार्ति चिदंबरम के घर और ऑफिस समेत 9 ठिकानों पर छापे मारे थे. ये छापेमारी चेन्नई, दिल्ली आदि में की गई थी. मुंबई के तीन ठिकानों, कर्नाटक के एक और पंजाब और ओडिशा के एक-एक ठिकाने पर भी सीबीआई की रेड पड़ी थी.
कार्ति चिदंबरम का क्या है चीनी कनेक्शन
जिस मामले में सीबीआई ने नया केस दर्ज किया है, उस मामले में जांच पहले से चल रही थी. सीबीआई का आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने यूपीए के कार्यकाल में 250 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाया, जिसके बदले 50 लाख रुपये की रिश्वत उनको मिली. सीबीआई के मुताबिक, ये चीनी नागरिक किसी पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत आकर काम करना चाहते थे. आरोप है कि ऐसा 2010 से 2014 के बीच हुआ था. शुरुआती जांच के बाद इस मामले में सीबीआई ने FIR दर्ज कर ली थी.
Karti Chidambaram पर आरोप है कि उन्होंने अतिरिक्त चीनी वर्कर्स को गैरकानूनी ढंग से वीजा दिलाने में मदद की थी. ये लोग पंजाब के मनसा में मौजूद थर्मल पावर प्लांट (Talwandi Sabo Power Plant) में काम करने आए थे. चीनी कंपनी Shandong Electric Power Construction Corp (SEPCO) इसका काम देख रही थी.
जानकारी के मुताबिक, प्रोजेक्ट तय वत्त से पीछे चल रहा था. कार्रवाई से बचने के लिए Talwandi Sabo Power Limited अतिरिक्त चीनी कर्मचारियों को वहां लाना चाहती थी. लेकिन वीजा सीलिंग की वजह से ये कर्मचारी नहीं आ पा रहे थे.
फिर कंपनी ने कार्ति से बात की और कथित रूप से उन्होंने बैक डोर एंट्री का तरीका बताया. कार्ति के कहने पर तब गृह मंत्रालय ने अप्लाई करने के एक महीने के अंदर वीजा दे दिया था. आरोप है कि इसके लिए फर्जी रसीदों से कार्ति को करोड़ों की पेमेंट हुई थी.
सीबीआई को INX media केस की जांच के वक्त इस बात का पता चला था. INX media केस में भी कार्ति का नाम है, जिसमें उनके खिलाफ जांच चल रही है. Foreign Investment Promotion Board (FIPB) क्लीयरेंस को लेकर यह जांच चल रही है.
जांच के दौरान सीबीआई को 50 लाख रुपये के लेनदेन का पता चला था. आरोप है कि यह वही पैसा था जो कि चीनी कर्मचारियों को वीजा दिलाने के बदले गैरकानूनी ढंग से मिले थे.