
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में सोमवार को कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 127 नए केस दर्ज हुए, जिसमें अकेले केरल से 111 मामले शामिल थे. इसके साथ ही देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1828 हो गई, जिसमें से 1634 केरल में दर्ज हुए हैं. केरल में कल कोरोना से 1 मरीज की मौत भी हुई.
केरल में हाल ही में कोरोनावायरस के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 का पता चला था. तीन साल पहले वायरस फैलने के बाद से अब तक राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 72,053 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में संक्रमण से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 4.46 करोड़ (4,44,69,931) हो गई. कोविड से नेशनल रिकवरी रेट 98.81 प्रतिशत है.
केरल में पाया गया कोरानावायरस का नया जेएन.1 वेरिएंट
देश में साल 2020 की शुरुआत में कोविड-19 के आउटब्रेक के बाद से अब तक 5,33,317 लोगों की मौत हो चुकी है और मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की 220.67 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. केरल की एक 79 वर्षीय महिला में COVID-19 के सब-वेरिएंट JN.1 का एक मामला पाया गया था.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने बताया कि यह मामला 8 दिसंबर को इस दक्षिणी राज्य के तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम से आरटी-पीसीआर सैंपल में पाया गया था. महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) के हल्के लक्षण थे और अब वह कोविड-19 से उबर चुकी है. केंद्र ने नए कोविड वेरिएंट को लेकर राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है.
केंद्र ने जेएन.1 वेरिएंट को लेकर राज्यों को जारी किए निर्देश
एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है, ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके. राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखें. साथ ही नियमित तौर पर इस संबंध में केंद्र सरकार को अपडेट करते रहें.
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, 'जेएन.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है, जो XBB और इस वायरस के पहले के सभी वेरिएंट्स से स्पष्ट रूप से अलग है. जिन्हें पहले कोविड संक्रमण हो चुका है और उन्होंने कोरोना रोधी टीके लगवाए हैं, यह वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम है'.