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केरल: ट्रांसजेंडर एडम हैरी का सपना टूटा, DGCA ने नहीं दिया पायलट का लाइसेंस

डीजीसीए ने एडम को यह कहते हुए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है कि उनकी हार्मोन थेरेपी चल रही है. ऐसे में वह उड़ान भरने की स्थिति में नहीं हैं. फिलहाल, एडम अब डीजीसीए के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.

डीजीसीए ने एडम हैरी को अनफिट बताकर लाइसेंस नहीं दिया है. डीजीसीए ने एडम हैरी को अनफिट बताकर लाइसेंस नहीं दिया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST
  • ऑनलाइन डिलीवर कंपनी में जॉब कर रहे एडम
  • कमर्शियल पायलट के लिए एडम ने दिया था एग्जाम

केरल के 23 वर्षीय ट्रांसजेंडर ट्रेनी पायलट एडम हैरी का सपना टूट गया है. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एडम हैरी को पायलट का लाइसेंस देने से इन्कार कर दिया है. DGCA ने एडम को उड़ान भरने के लिए अस्थाई रूप से फिट घोषित करने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट देने से इन्कार किया है. एडम हैरी देश के पहले ट्रांसजेंडर ट्रेनी पायलट हैं.

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डीजीसीए ने एडम को यह कहते हुए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है कि उनकी हार्मोन थेरेपी चल रही है. ऐसे में वह उड़ान भरने की स्थिति में नहीं हैं. फिलहाल, एडम अब डीजीसीए के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. एडम पहले लड़की थे. बाद में उन्होंने जेंडर चेंज करवाया और लड़का बन गए. आरोप है कि पुरुष होने के बावजूद उन्हें महिला वर्ग में मेडिकल जांच कराने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने डीजीसीए पर सिस्टमिक ट्रांसफोबिया का आरोप लगाया है.

एडम के पास निजी पायलट लाइसेंस 

एडम हैरी ने दक्षिण अफ्रीका से प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) हासिल किया है. बाद में उन्होंने कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित राजीव गांधी एकेडमी फॉर एविएशन टेक्नोलॉजी में जनवरी 2020 में खुद को एनरॉल कराया था. एडम ने एक मेडिकल टेस्ट भी दिया था. लेकिन डीजीसीए ने अनफिट बताकर लाइसेंस नहीं दिया है.

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जेंडर चेंज करवाने से परिवार ने छोड़ा

बता दें कि एडम के माता-पिता ने जेंडर चेंज करवाने की वजह से छोड़ दिया था. ऐसे में उन्हें दक्षिण अफ्रीका में अपनी पढ़ाई बंद करनी पड़ी. अभी वह ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी में काम कर रहे हैं.

अमेरिकी की गाइडलाइन देखे DGCA

आजतक से बातचीत में एडम ने बताया कि परीक्षा के दौरान उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया गया. अब वह हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. उम्मीद है कि डीजीसीए अमेरिका जैसे देशों में जारी दिशा-निर्देशों का अध्ययन करेगा. उन्होंने कहा कि डीजीसीए के किसी भी दस्तावेज में पुरुष और महिला के अलावा एक कॉलम भी नहीं है.

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