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केरल: आलप्पुझा में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद 20 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों को मारा गया

सरकार के आदेश पर इलाके में आठ रैपिड रिस्पांस टीमों को इलाके में पोल्ट्री पक्षियों की हत्या की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भेजा गया है और अब तक कुल 20471 बत्तखों को मार दिया गया है. इसके अलावा क्षेत्र के निवासियों को भी मनुष्यों में फैलने वाले वायरस से बचने के लिए सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

 20 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों को मारा गया 20 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों को मारा गया
शिबिमोल
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

केरल के आलप्पुझा जिले के हरिपद नगर पालिका में बर्ड फ्लू के फैलने की पुष्टि होने के बाद 20,000 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों को मार दिया गया है. ये फैसला सरकार के आदेश पर लिया गया. आलप्पुझा जिला कलेक्टर वी.आर. कृष्णा तेजा की अध्यक्षता में उपाय तय करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई गई. उन्होंने कहा कि बत्तखों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस के एच5एन1 सबटाइप की उपस्थिति की सूचना मिली है.

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कुल 20,471 बत्तखों को मारा गया

आठ रैपिड रिस्पांस टीमों को इलाके में हत्या की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भेजा गया है और अब तक कुल 20471 बत्तखों को मार दिया गया है. जिला पशु संरक्षण अधिकारी डीएस बिंदू के नेतृत्व में जैसे-जैसे पक्षियों की हत्या की प्रक्रिया आगे बढ़ी, राजस्व एवं स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने संक्रमित क्षेत्र का दौरा किया. 

पक्षियों के परिवहन पर भी रोक

एवियन इन्फ्लूएंजा के रूप में भी पहचाने वाले बर्ड फ्लू की पुष्टि हरिपद नगर पालिका के 9वें वार्ड में वझुथनम पश्चिम और वजुथनम उत्तर में दो पोल्ट्री फार्मों की बत्तखों में हुई थी. जिला अधिकारियों ने कहा कि वायरस के प्रकोप के केंद्र के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी पक्षियों को भी आज से मार दिया जाएगा. उन्होंने वायरस फैलने के एक किलोमीटर के भीतर पक्षियों के परिवहन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा क्षेत्र के निवासियों को भी मनुष्यों में फैलने वाले वायरस से बचने के लिए सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

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प्रकोप वाले इलाके में जारी रहेगी निगरानी

हरिपद नगर पालिका, पल्लीपाड़ पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में एक सप्ताह तक स्वास्थ्य एवं पशु कल्याण विभागों की निगरानी जारी रहेगी. इस बीच, वायरस के प्रकोप की जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए केंद्र द्वारा एक 7 सदस्यीय टीम को तैनात किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि टीम रिकंमेंडेशन के साथ एक रिपोर्ट सौंपेगी.

 

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