
केरल की राजनीति में इस समय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कुछ फैसलों पर जमकर सियासत देखने को मिल रही है. पहले उनका कुलपतियों का इस्तीफा मांगना एक विवादित फैसला माना गया, अब उनकी तरफ से मुख्यमंत्री विजयन को एक और चिट्ठी लिख दी गई है. उस चिट्ठी के जरिए राज्यपाल ने वित्त मंत्री केएन बालगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आरोप लगाया गया है कि केएन बालगोपाल की तरफ से उनके खिलाफ विवादित बोल दिए गए हैं.
पत्र में राज्यपाल ने बताया है कि वित्त मंत्री सवाल उठा रहे हैं कि क्या यूपी मूल के राज्यपाल केरल की शिक्षा प्रणाली को समझ सकते हैं? मैं उनसे अपील करूंगा कि वे ये बात कभी सुप्रीम कोर्ट के किसी जज के लिए ना कह दें. राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले भी उन पर कई दूसरे मंत्रियों ने हमले किए हैं, लेकिन क्योंकि वो सब निजी थे, ऐसे में उन्होंने उन्हें नजरअंदाज कर दिया. लेकिन अगर केएन बालगोपाल के विवादित बोल को नजरअंदाज कर दिया गया तो ये मेरी बड़ी लापरवाही मानी जाएगी. अब आरिफ मोहम्मद खान की तरफ से तो कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन मुख्यमंत्री विजयन ने साफ कर दिया है कि वे मंत्री के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने वाले हैं.
सीएम ने भी एक पत्र लिखकर ही राज्यपाल को अपना जवाब दिया है. वे लिखते हैं कि वित्त मंत्री केएन बालगोपाल अभी भी उनके भरोसेमंद हैं और उन्हें हटाने की कोई जरूरत नहीं है. उनकी तरफ से राज्यपाल के खिलाफ भी कुछ नहीं बोला गया है. उम्मीद करते हैं कि राज्यपाल अब और कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे को लेकर राज्यपाल और केरल सरकार एक दूसरे के आमने-सामने आए हों. इस समय सबसे बड़ा मुद्दा तो कुलपति वाला चल रहा है.
असल में केरल के राज्यपाल ने नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफे का निर्देश देने के पीछे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बताया था. सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी के नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एमएस राजश्री की नियुक्ति रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि यूजीसी नियमों के अनुसार कुलपति का चयन करने के लिए पैनल को तीन नाम की सिफारिश करनी होती है लेकिन यहां केवल एक नाम बढ़ाया गया जो नियमों का उल्लंघन है. लेकिन इस फैसले के खिलाफ कुलपतियों ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया और हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दे दी. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस्तीफा देने के निर्देश से पहले कुलपतियों को नोटिस जारी कर तीन नवंबर की शाम पांच बजे तक जवाब देने के लिए कहा था.
शिबी की रिपोर्ट