
केरल में खाना बनाने वाले और परोसने वाले सभी रेस्टोरेंट्स और प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब डॉक्टर से मेडिकल सर्टिफिकेट लेना होगा. इसमें डॉक्टर की ओऱ से यह प्रमाणित किया जाएगा कि कर्मचारी किसी भी संक्रामक रोग से पीड़ित नहीं है. केरल में ये नियम एक फरवरी यानी बुधवार से लागू हो जाएगा.
एजेंसी के मुताबिक फूड पॉइजनिंग की घनटा को लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओऱ से 'स्वास्थ्य कार्ड' के रूप में जारी किया गया प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सरकार की ओऱ से कहा गया है कि रेस्तरां, होटल, खानपान की फर्मों और अन्य प्रतिष्ठानों में खाना पकाने, परोसने, वितरण करने और खाद्य सामग्री बेचने के लिए स्वास्थ्य कार्ड अनिवार्य है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग और स्वास्थ्य निरीक्षक होटल, रेस्टोरेंट्स और अन्य जगहों का निरीक्षण करेंगे. जहां खाना पकाया जा रहा है या वितरित किया जा रहा है वहां कर्मचारियों के स्वास्थ्य कार्ड और साफ-सफाई की जांच की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री के ऑफिस की ओर से कहा गया है कि खाना पकाने, वितरण और बिक्री से जुड़े राज्य के सभी प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य कार्ड अनिवार्य है, अधिकारियों द्वारा नियमित अंतराल पर साफ-सफाई और स्वास्थ्य कार्ड का निरीक्षण किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सरकारी आदेश में कहा गया है कि डॉक्टर से प्राप्त कर्मचारियों का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्रतिष्ठान में ही रखा जाना चाहिए.
बयान में कहा गया है कि 1 फरवरी से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो खाना पकाने की डेट, पैकिंग और लेबल की डेट के बिना खाना बेच रहे हैं. मिलावटी खाना बेचने वाले रेस्टोरेंट्स और भोजनालयों के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान के बाद हेल्थ कार्ड कदम उठाया गया है.
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