
केरल की CPIM सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ एक के बाद एक फैसले ले रही है. कुछ दिनों पहले ही केरल सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के खिलाफ एक विधेयक पारित किया था और अब वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ भी विधेयक लाने जा रही है. केरल विधानसभा में आज पिनाराई विजयन की सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी.
केरल विधानसभा में चार दिन पहले 10 अक्टूबर को एक देश एक चुनाव के खिलाफ बिल पेश किया गया था. मुख्यमंत्री के विधानसभा में मौजूद न होने के कारण संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश ने प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद प्रस्ताव पास भी हो गया था.
लोकतंत्र के अधिकारों को चुनौती
प्रस्ताव पारित करते समय संसदीय कार्यमंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि सुझावों में उन राज्यों और स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का कार्यकाल कम करना शामिल है, जिन्होंने 5 साल पूरे नहीं किए हैं. यह लोकतंत्र में लोगों के अंतिम अधिकारों को चुनौती दे रहा है. यह स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के लिए चुनाव कराने के राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकार पर हमला है. यह हमारे देश की संघीय व्यवस्था पर भी हमला है.'
'जब दूसरे उपाय हैं तो...'
केरल के संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि जब खर्च कम करने और शासन को आसान बनाने के लिए दूसरे सरल उपाय किए जा सकते हैं तो संविधान पर आधारित संघीय प्रणाली को नष्ट करना राज्य सरकार, स्थानीय स्वशासन के अधिकारों को नकारने जैसा है.
'एजेंडे को लागू करने की कोशिश'
राजेश ने आगे कहा था कि यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है. यह केंद्रीकृत शासन के आरएसएस-बीजेपी एजेंडे को लागू करने का प्रयास है, जिसे हम इसमें देख सकते हैं. यह एक लोकतांत्रिक सुधार प्रक्रिया है. विपक्ष ने प्रस्ताव में कुछ संशोधन सुझाए. उनमें से कुछ को स्वीकार कर लिया गया.