
केरल यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को लेकर विजयन सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिल रहा है. सरकार विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करने के संबंध में राज्यपाल (कुलाधिपति) की शक्तियों को कम करने के लिए एक अध्यादेश लाने की तैयारी में जुटी है, इस बीच राज्यपाल ने केरल यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है.
राज्यपाल ने केरल यूनिवर्सिटी के लिए एक नए कुलपति का चयन करने के लिए तीन सदस्यीय सर्च कमेटी के दो सदस्यों को नामित किया है. केरल विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार, नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर सिफारिशें करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाता है, जिसमें कुलाधिपति (राज्यपाल), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और विश्वविद्यालय सीनेट एक-एक सदस्य को नॉमिनेट करता है. c केरल यूनिवर्सिटी के वर्तमान कुलपति का कार्यकाल इसी साल अक्टूबर में समाप्त होने जा रहा है.
राजभवन से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल ने IIM कोझिकोड के निदेशक प्रोफेसर देबाशीष चटर्जी को कुलाधिपति और कमेटी के संयोजक के रूप में नियुक्त किया. जबकि यूजीसी की तरफ से कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बट्टू सत्यनारायण को नामित किया है. तीसरे सदस्य के नाम को केरल विश्वविद्यालय के सीनेट से प्राप्त होने पर शामिल किया जाएगा. इस कमेटी को तीन महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देनी होंगी.
हालांकि, यह पहली बार है जब राज्यपाल ने अधिसूचना में तीन सदस्यों की कमेटी में सिर्फ दो को ही नामित किया है. माना जा रहा है कि जिस तरह से चयन प्रक्रिया शुरू की गई है, वह सामान्य प्रथा के विपरीत है. कुलाधिपति ने पहली बार राज्य सरकार को अपने नामित व्यक्ति को पैनल का गठन करने के लिए प्रस्ताव दिया है.
(इनपुट- शिबी)