
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज (Veena George) ने रविवार को 'World Mental Health Day' के मौके पर कहा कि केरल की करीब 12.8 फीसदी आबादी, मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) संबंधी समस्याएं झेल रही हैं. इन सभी लोगों को वैज्ञानिक उपचार की जरूरत है. लेकिन इनमें से केवल 15 प्रतिशत लोगों को ही वैज्ञानिक उपचार मिल रहा है.
'World Mental Health Day' यानी कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आंकड़े पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोग इलाज के लिए ट्रीटमेंट सेंटर तक भी नहीं पहुंच रहे हैं और ना ही उन्हें किसी तरह की कोई मेडिकल सुविधा मिल रही है. क्योंकि लोगों को इस तरह की सुविधा की कोई जानकारी ही नहीं है.
उन्होंने कहा, 'इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता से संबंधित गतिविधियों को समाज में तेज किया जाए. स्वास्थ्य विभाग सभी लोगों के सहयोग से इस मिशन को तेजी से आगे बढ़ा रहा है.'
पोस्ट कोविड यानी कोरोना काल के बाद के समय में मेंटल हेल्थ कितना जरूरी है, इस विषय पर खास तवज्जो देते हुए केरल की मंत्री ने कहा किसी भी समाज के सर्वाइवल और प्रोग्रेस के लिए लोगों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ठीक होना बुनियादी जरूरत है.
उन्होंने कहा, 'शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य का ठीक होना भी बेहद जरूरी है. सभी लोगों के लिए आवश्यक है कि वह किसी भी तरह की बीमारी, दर्द और रोग का ध्यान रखें और समय से उसका इलाज भी कराएं. लेकिन यह सच है कि ज्यादातर लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या, लक्षण और कंडीशन को समझ नहीं पाते हैं. जिसका वैज्ञानिक ट्रीटमेंट होना चाहिए. यह समझना बेहद जरूरी है कि ज्यादातर लोगों के पास मेंटल हेल्थ को लेकर कोई सटीक समझ नहीं है.