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केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप में 2 विवादित सुधारों के अमल पर लगाई रोक

केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन के डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूल के मेनू से चिकन तथा बीफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है.

केरल हाई कोर्ट केरल हाई कोर्ट
गोपी उन्नीथन
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 23 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
  • कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगी पाबंदी
  • अजमल अहमद ने दायर की जनहित याचिका
  • 2 सदस्यीय बेंच का प्रशासन के फैसले पर रोक

केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन के डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूल के मेनू से चिकन तथा बीफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है.

लक्षद्वीप निवासी अजमल अहमद द्वारा एक जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद केरल हाई कोर्ट का यह फैसला आया है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की बेंच ने यह स्थगन आदेश जारी किया. कोर्ट का यह आदेश अगले आदेश आने तक स्टे रहेगा.

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साथ ही हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि वह द्वीप के पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूलों में दोपहर के भोजन के मेनू से चिकन और अन्य मांस वस्तुओं को तब तक हटाने के आदेश पर आगे कोई कार्रवाई न करे जब तक कि जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया जाता.

डेयरी फार्मों को बंद करने का आदेश पशुपालन विभाग के निदेशक ने पिछले महीने 21 मई को पारित किया था.

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लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ विरोध जारी है. लक्षद्वीप और केरल में विपक्षी दलों की ओर से पिछले दिनों आरोप लगाया गया था कि प्रफुल्ल पटेल ने मुस्लिम बहुल द्वीपों में शराब के उपयोग पर प्रतिबंध हटा दिया जबकि बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके लिए पशु संरक्षण का हवाला दिया और तटीय क्षेत्रों में बने मछुआरों के शेड को ध्वस्त कर दिया. विपक्षी दलों की ओर से आरोप लगाया गया कि प्रशासक ने तटरक्षक अधिनियम का उल्लंघन किया है.

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