
केरल के कोच्चि शहर में कचरा प्लाट में भड़की आग सात दिन बाद भी अपना असर दिखा रही है. यहां ब्रह्मपुरम इलाके में 2 मार्च को आग लगी थी और जलते हुए कचरे से निकल रहा धुआं जहरीला हो गया है. जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. धुएं की वजह से आंखों में जलन हो रही है. एक स्थानीय ने बताया कि यह कभी धान का खेत था. आग से हालात काबू में है, लेकिन कोच्चि और आसपास के इलाकों का आसमान धुएं से ढका हुआ है. धुएं की जलन और तेज गंध से निपटना मुश्किल हो रहा है. जहरीले धुएं से बचने के लिए मास्क का सहारा ले रहे हैं.
बताते चलें कि ब्रह्मपुरम में रहने वाले लोग हर साल कुछ ऐसे ही हालात से जूझते हैं. लेकिन, इस बार ज्यादा समय तक कचरे का धुआं और उसकी तीव्रता ने जीना मुश्किल कर दिया है. ब्रह्मपुरम में वेस्ट प्लांट के इस इलाके में मुख्य रूप से इन्फोपार्क के आईटी पेशेवरों के अपार्टमेंट देखने को मिले. यहां दमकलकर्मी और पुलिस कार्रवाई के लिए कमर कस चुकी है.
'असहनीय हो गया धुंआ, घर छोड़ रहे'
आजतक ने एक अपार्टमेंट में रहने वाले दंपति अश्वथी और बालमुरली से बातचीत की. ये कपल अपने गृहनगर पलक्कड़ जाने के लिए पैकिंग कर रहा था. चूंकि धुआं असहनीय हो गया है. अश्वथी ने कहा- शुरुआत में माहौल थोड़ा ठीक था, लेकिन रविवार के बाद से गंध बहुत तेज हो गई. हम बालकनी या खिड़कियां नहीं खोल सकते हैं. दोपहर में ठीक रहता है, लेकिन रात में गंध खराब हो जाती है.
दिनभर घरों में कैद, रात में बच्चों को होती है खांसी
प्रोपर ब्रह्मपुरम में प्लांट के करीब रहने वाले लोगों में भी गुस्सा है. मोहल्ले में कोरोना वापसी जैसा माहौल है. दरवाजे और खिड़कियां बंद हैं. लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है. छोटे बच्चों और बड़े लोगों वाले घरों में भी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं. यहां जब आजतक की टीम एक घर में पहुंची तो वहां यूकेजी की छात्रा मिवारा फोन पर खेलने में व्यस्त मिली. उसकी दादी शर्ली ने कहा कि वह ऊब चुकी है क्योंकि वह एक हफ्ते से अपने दोस्तों से नहीं मिली है. क्षेत्र के शिक्षण संस्थान शुक्रवार तक बंद हैं. बच्ची परेशान है कि बाहर जाकर खेल नहीं सकती. वह रात में खांसने लगती है क्योंकि उस समय धुएं की तीव्रता वास्तव में बहुत अधिक होती है.
लगाया गया मेडिकल कैंप
मिवारा के घर के सामने एक मेडिकल कैंप लगा है. स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में मदद करने के निर्देश दिए गए हैं.
'हमारी किसी को परवाह नहीं,' रो पड़ी महिला
थोड़ी दूर चलने पर देखा कि अश्विन नाम का लड़का अपनी खिड़कियां बंद करके और फिर कपड़ों से ढके हुए है. वो घर में अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहा है. अश्विन को पिछले कुछ दिनों से तेज सिरदर्द है, जिससे उसकी तैयारियों पर असर पड़ा है. रेजिडेंट्स की आपबीती सुनाते हुए अश्विन की मां श्रीजा फूट-फूट कर रो पड़ीं. ब्रह्मपुरम के निवासियों की किसी को परवाह नहीं है. हम किसी को यहां फिर से वोट मांगते हुए नहीं देखना चाहते. हम अब मतदान नहीं करेंगे.
लंबे समय तक रह सकता है धुआं
जानकारों का कहना है कि इस धुएं का असर लंबे समय तक रह सकता है. इससे रहवासियों की परेशानी और बढ़ना तय माना जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि आग पूरी तरह कब बुझेगी, अधिकारियों ने कहा, इस समय भविष्यवाणी करना संभव नहीं है. कोच्चि के मेयर अनिल कुमार ने कहा- हम कोई निश्चित तारीख नहीं दे सकते. यहां कई फैक्टर का एनालिसिस करने की जरूरत है जिसमें मुख्य रूप से जलवायु शामिल है.
कोर्ट ने लगाई है फटकार
केरल हाईकोर्ट के जस्टिस एसवी भट्टी और बसंत बालाजी ने सरकार और प्रशासन को फटकार लगाई है. कहा कि शहर गैस चेंबर बना हुआ है. कोच्चि के लोग इस चेंबर में फंसे हुए हैं. जल्द से जल्द इस आग को बुझाने का निर्देश भी दिया. या हालात तब हैं, जब इस शहर में कोई और इंडस्ट्री नहीं है. हैदराबाद और सिकंदराबाद जैसे औद्योगिक शहरों में ऐसे हालात नहीं होते, तो फिर यहां ऐसा क्यों है.
30 फायर फाइटर टैंक्स, नौसेना के हेलिकॉप्टर आग बुझाने में लगे
ब्रह्मपुरम कचरा प्लांट में लगे आग को बुझाने में अग्निशमन दल के 30 टैंकर, नौसेना के हेलिकॉप्टर्स और जवान लगे हुए हैं. भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से यंत्र लेकर इस कचरे की आग बुझाने का प्रयास जारी है. लेकिन स्थिति सुधर नहीं रही है. शहर पूरा धुएं में लिपटा हुआ है. आखिर ये प्रदूषण इस तरह से फैला कैसे?
आग लगने के बाद लगातार गिरती गई कोच्चि की AQI
2 मार्च को कचरा प्लांट में आग लगने के बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में लगातार गिरावट आई है. यानी हवा में PM 2.5 और PM 10 की मात्रा बढ़ी है. पहले समझिए कि 2 मार्च से लेकर 8 मार्च तक कोच्चि शहर का एक्यूआई कितना बढ़ा. 2 मार्च को एक्यूआई 103 था जो 7 मार्च को दोगुने से ज्यादा होकर 215 हो गया था. पूरे हफ्ते वायु की गुणवत्ता में गिरावट आती ही चली गई है.