
बिल्ली, कुत्ता, तोता पालते तो आपने बहुत लोगों को देखा होगा. लेकिन क्या चूहे पालने का भी किसी को शौक हो सकता है. केरल में ऐसा ही ट्रेंड शुरू करने वाले शख्स का नाम है फिरोज खान.
कोझीकोड के कुंडाईथोडे के रहने वाले फिरोज खान ने चूहों की ब्रीडिंग के साथ 7 साल तक उन पर गहरी रिसर्च की. आज फिरोज खान के पास 1,000 से ज्यादा चूहे हैं. फिरोज खान के घर पर इन चूहों को पिंजरों और केबिन्स में उछल-कूद करते, दौड़ते देखा जा सकता है. सफेद, काले, चंदन, भूरे, स्लेटी जैसे तमाम रंगों में यहां 9 तरह की विदेशी ब्रीड के चूहे मौजूद हैं.
चूहों के लिए खास खिलौने भी उपलब्ध
फिरोज ने चूहों के पिंजरों में खास खिलौने भी उपलब्ध करा रखे हैं. खाने में इन चूहों की अनाज, सब्जी और फलों से खातिर की जाती है.
चूहों की देखभाल में फिरोज के साथ उनकी पत्नी जसीला, बच्चे-शाहुल और शहाबास भी मदद करते हैं. बच्चे फल और सब्जियों के छोटे-छोटे टुकड़े कर चूहों को खिलाते हैं.
दरअसल, फिरोज को चूहे पालने का शौक करीब 7 साल पहले लगा. तब उनके एक दोस्त ने विदेशी ब्रीड्स के कुछ चूहे उन्हें गिफ्ट में दिए थे.
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फिरोज के मुताबिक उन्होंने इतने साल तक चूहों की अपने घर पर ब्रीडिंग को लेकर कोई बात सार्वजनिक नहीं होने दी. उनका मानना था कि वो अपनी रिसर्च पूरी होने के बाद ही इसमें करियर शुरू करेंगे. ताकि घरों पर पालने के लिए कस्टमर्स उनसे चूहे लेकर जाएं तो वो उन्हें अच्छी तरह पहले गाइड कर सकें. इसके अलावा उनके पास पहले पर्याप्त संख्या में चूहे भी हो जाएं जिससे कि वो डिमांड को पूरा कर सकें.
ब्रीडिंग पीरियड 19 से 21 दिन का
चूहों को पालने के लिए जो ग्राहक फिरोज खान के खान ब्रीडिंग सेंटर से चूहे खरीदने आते हैं, उन्हें पहले वो आंधा घंटे तक क्लास देते हैं.
चूहों का ब्रीडिंग पीरियड 19 से 21 दिन होता है. आम तौर पर एक बार में 10 से 18 चूहों का जन्म होता है.
फिरोज खान के मुताबिक ये विदेशी ब्रीड के चूहे देसी नस्ल की तरह उग्र नहीं होते बल्कि सीधे और मित्रवत होते हैं. इंसानों से जल्दी घुलमिल जाते हैं. धीरे धीरे लोगों ने अब इन्हें घर पर पेट्स के तौर पर अपनाना शुरू कर दिया है.
फिरोज चूहों की ब्रीडिंग को कम लागत और अधिक मुनाफे वाला करियर बताते हैं. चूहों के अलावा फिरोज बटेर, चिकन और बत्तखें भी पालते हैं. वो पेट्स ब्रीडिंग पर दो किताबें भी लिख चुके हैं. (इनपुट- फैसल एस रायज़)