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वायनाड लैंडस्लाइड पर पिनाराई विजयन ने अमित शाह पर किया पलटवार, कहा- आप दूसरे पर दोष नहीं मढ़ सकते

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भूस्खलन वाले दिन केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था. उन्होंने कहा, 'त्रासदी से पहले इलाके में एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था. भूस्खलन होने के बाद ही, उस दिन सुबह 6 बजे रेड अलर्ट जारी किया गया.'

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है. गृह मंत्री शाह ने कहा था कि राज्य सरकार को बाढ़ और भूस्खलन के बारे में पहले से ही आगाह कर दिया गया था. बुधवार को तिरुवनंतपुरम में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार को भी यह समझना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित गंभीर मुद्दे हैं. क्या अतीत में हमने ऐसी अत्यधिक वर्षा देखी है, जैसी हम अभी देख रहे हैं? हमें जलवायु परिवर्तन पर काम करने की आवश्यकता है. जब ऐसा कुछ होता है, तो आप दूसरों पर दोष मढ़कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. जैसा कि मैंने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह दोषारोपण का समय है.'

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पिनाराई विजयन राज्यसभा में अमित शाह के बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें गृह मंत्री ने कहा था कि 23 जुलाई को केरल सरकार को चेतावनी दी गई थी.

अमित शाह ने कहा, 'केंद्र ने 2014 से पूर्व वार्निंग सिस्टम विकसित करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केंद्र ने घटना से सात दिन पहले केरल सरकार को पूर्व चेतावनी दी थी, और फिर 24 और 25 जुलाई को हमने उन्हें फिर से चेतावनी दी. 26 जुलाई को चेतावनी दी गई थी कि 20 सेमी से अधिक भारी वर्षा की संभावना है और भूस्खलन भी हो सकती है.'

'चेतावनी से बहुत ज्यादा हुई बारिश'
गृह मंत्री ने कहा कि 23 जुलाई को भूस्खलन की संभावना को देखते हुए NDRF की नौ टीमें केरल भेजी गई थीं. अमित शाह ने पूछा, 'केरल सरकार ने क्या किया? क्या लोगों को दूसरी जगह भेजा? और अगर उन्हें भेजा, तो कैसे उनकी जान चली गई?' इस पर पिनाराई विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार की मौसम चेतावनी थी कि वायनाड में 115-204 मिमी बारिश होगी. लेकिन अगले 48 घंटों में इलाके में 572 मिमी बारिश हुई.

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भूस्खलन वाले दिन केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था. उन्होंने कहा, 'त्रासदी से पहले इलाके में एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था. भूस्खलन होने के बाद ही, उस दिन सुबह 6 बजे रेड अलर्ट जारी किया गया.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 जुलाई को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 30 और 31 जुलाई के लिए ग्रीन अलर्ट जारी किया था, जिसमें मामूली भूस्खलन या चट्टान के फटने की संभावना जताई गई थी. हालांकि, उस समय तक भारी बारिश हो चुकी थी और भूस्खलन हो चुका था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में ऐसी जानकारी पेश की है जो फैक्ट से मेल नहीं खाते. पिनाराई विजयन ने कहा, 'जब वे (अमित शाह) गर्व से कहते हैं कि हम (पूर्व चेतावनी देने वाले देशों में) सर्वश्रेष्ठ हैं, तो मैं बस यह बता रहा हूं कि ऐसी गलतियां भी हुई हैं. मैं उन्हें दोष देने के लिए ऐसा नहीं कह रहा हूं.'

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