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केरल: वैलेंटाइन डे पर पत्नी ने पति को दिया नायाब तोहफा, अपना लिवर देकर बचाई जान

केरल में एक महिला ने अपने पति को लिवर डोनेट किया है. यह सर्जरी कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में की गई. इस सर्जरी में पूरे 17 घंटों का समय लगा. इस ऑपरेशन को डॉक्टर आरएस सिंधु के नेतृत्व में 29 अन्य डॉक्टरों की टीम ने सफल बनाया.

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
aajtak.in
  • कोट्टायम,
  • 15 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST
  • केरल के पत्नी ने पति को डोनेट किया लिवर
  • वैलेंटाइन डे के दिन किया गया ऑपरेशन
  • लिवर ट्रांसप्लांट में लगा 17 घंटे का समय

केरल के कोट्टायम में वैलेंटाइन डे के दिन एक पत्नी ने अपने पति को लिवर डोनेट करके सच्चे प्रेम की मिसाल कायम की है. यह दूसरी बार है जब राज्य में किसी सरकारी अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है. मामला कुन्नमकुलम के वेलूर कोट्टापाडी का है. यहां 39 वर्षीय प्रविजा ने अपने पति सुबीश (43) को लिवर डोनेट किया है.

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एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह सर्जरी कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में सोमवार सुबह 6 बजे शुरू की गई थी. और करीब 17 घंटों तक चली. इस सर्जरी के दौरान सबसे पहले प्रविजा के लिवर का करीब 40 फीसदी हिस्सा निकाला गया. समानांतर में सुबीश का लिवर भी निकाला गया. सर्जरी का पहला फेज शाम 5 बजे पूरा हुआ.

इसके बाद साढ़े पांच बजे सुबीश के शरीर पर प्रविजा के लिवर के हिस्से को ट्रांसप्लांट करना शुरू किया गया. फिर अगले पांच घंटे बाद ऑपरेशन पूरा हुआ. इस ऑपरेशन को डॉक्टर आरएस सिंधु के नेतृत्व में 29 अन्य डॉक्टरों की टीम ने 9 तकनीशियनों की सहायता से सफल बनाया.

सुबीश के लिए अगले 48 घंटे बहुत अहम
वहीं ऑपरेशन के बाद सुबीश को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. एमसीएच अधीक्षक डॉ. टीके जयकुमार ने बताया कि रात 10.30 बजे तक सर्जरी पूरी हो गई और एक घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद सुबीश को वेंटिलेटर पर रखा गया है. हालांकि सुबीश के लिए अगले 48 घंटे बहुत अहम हैं.

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तो वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ''यह केरल में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है.''

बहनों ने भाई को डोनेट किया आधा-आधा लिवर
इससे पहले पिछले साल, उत्तर प्रदेश के बदायूं में लिवर के काम नहीं करने की वजह से गंभीर रूप से बीमार 14 साल के एक लड़के को उसकी दो बड़ी बहनों ने अपना आधा-आधा लिवर देकर जान बचाई. यह सफल ऑपरेशन गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में किया गया. 14 वर्षीय अक्षत का वजन 93 kg था, उसके पेट में पानी भर गया था और सूजन आ गई थी. 12 अगस्त 2021 को मेदांता अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के चेयरमैन डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. नीलम मोहन ने अपनी टीम के साथ यह सर्जरी की, जो करीब 15 घंटे तक चली. इसमें अक्षत की दो बड़ी बहनों प्रेरणा (22) व नेहा (29) ने अपने भाई की जान बचाने के लिए अपने लिवर का आधा-आधा हिस्सा दिया.

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