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केरल: पैर फिसला और पहाड़ियों के बीच फंस गया युवक, रेस्क्यू में छूटे पसीने-48 घंटे बाद निकाला गया

दो पहाड़ियों के बीच फंसे युवक को 48 घंटे के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है. सोमवार सुबह से फंसे युवक को निकालने के लिए देर रात तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया था. बुधवार सुबह बेंगलुरु पैरा रेजिमेंट के कमांडो मौके पर पहुंच गए थे जिसके बाद युवक को बाहर निकाल लिया गया.

सेना के जवानों के साथ सुरक्षित निकाला गया युवक. सेना के जवानों के साथ सुरक्षित निकाला गया युवक.
aajtak.in
  • पलक्कड़,
  • 09 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST
  • केरल के पलक्कड़ की घटना, ट्रैकिंग पर गया था युवक
  • पहले दोस्तों ने बचाने की कोशिश की, फिर पुलिस को सूचना दी
  • सेना को मिली रेस्क्यू में सफलता, लगे 48 घंटे

केरल में दो पहाड़ियों के बीच फंसे युवक को सेना ने सुरक्षित निकाल लिया है. युवक को बचाने के लिए सेना ने 48 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.

सोमवार सुबह पैर फिसलकर गिरा युवक दो पहाड़ियों के बीच फंस गया था. युवक को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मंगलवार देर रात तक रेक्स्यू चलाया गया लेकिन सफलता नहीं मिली थी. बुधवार सुबह बेंगलुरु पैरा रेजिमेंट के कमांडो मौके पर पहुंचे जिसके बाद युवक को बाहर निकाल लिया गया.

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सेना के अधिकारियों ने बताया कि युवक को पहाड़ियों के बीच से ऊपर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई. चूंकि पहाड़ी होने के चलते युवक को ऊपर लाने में परेशानी हो रही थी. इस दौरान सेना के अधिकारी और युवक रास्ते में आराम भी करते रहे. दो दिन के इंतजार के बाद उसे वापस निकाल लिया गया. 

घटना सोमवार सुबह की है. 23 साल का बाबू नाम का युवक अपने दोस्तों के साथ पलक्कड़ के चेराडू में कुरुंबाची की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग के लिए गया था. वहां से लौटने के दौरान बाबू और उसके साथी थक गए थे. नीचे आने के दौरान बाबू का पैर फिसल गया और वह दो पहाड़ियों के बीच जाकर फंस गया. 

पहाड़ियों के बीच फंसा 23 साल का युवक.

हालांकि उसके दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए. इसके बाद उसके दोस्तों ने पहाड़ियों से उतरकर पुलिस को सूचना दी. इसके बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा. फिर युवक को हेलीकॉप्टर का उपयोग करके बाहर निकालने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली. 

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युवक को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने सेना की दो टीमों को मौके पर भेजा था. मद्रास रेजीमेंट सेंटर वेलिंगटन से 12 कर्मियों की एक टीम, जिसमें विशेषज्ञ उपकरण के साथ पहाड़ी पर पहुंचे थे. जबकि पैराशूट रेजिमेंट सेंटर बेंगलुरु से 22 कर्मियों की दूसरी टीम विमान से सुलूर पहुंची और फिर सुबह 4 बजे तक घटनास्थल पर पहुंची. 

बताया गया कि बुधवार सुबह दोबारा 5.45 बजे बचाव अभियान शुरू किया गया. ड्रोन का इस्तेमाल से जायजा लिया गया. इस दौरान सुलूर एयरबेस पर हेलिकॉप्टर को भी स्टैंडबाय पर रखा गया था. 

मंगलवार देर रात रेस्क्यू के लिए विचार-विमर्श करते सेना के अधिकारी और जवान.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ट्वीट कर कहा था कि मलमपुझा चेरत पहाड़ी में फंसे युवक को निकालने के प्रयास जोरों पर है. फिलहाल मौके पर बचाव दल की दो यूनिट मौजूद है. सेना के सदस्य पहाड़ियों के बीच फंसे युवक से बात कर रहे हैं. अंतत: एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

 

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