Advertisement

PFI मेंबर के घर मिली थी लिस्ट, NIA ने बताया खतरा, केंद्र ने RSS के 5 नेताओं को दी Y कैटेगरी की सुरक्षा

पीएफआई से केरल के आरएसएस नेताओं को जान का खतरा था, एनआईए की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी है. सूचना के बाद केंद्र सरकार ने केरल के आरएसएस के 5 नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी है. 

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST

पीएफआई से केरल के आरएसएस नेताओं को जान का खतरा था, एनआईए की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी है. सूचना के बाद केंद्र सरकार ने केरल के आरएसएस के 5 नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी है.  

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए और आईबी की रिपोर्ट के आधार पर केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 5 नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है. उनकी सुरक्षा में अब पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो तैनात होंगे. 

Advertisement

दरअसल केरल में आरएसएस नेता PFI के निशाने पर हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने ऐसी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी थी. दरअसल 22 सितंबर को पीएफआई के सदस्य मोहम्मद बशीर पर रेड के दौरान एनआईए को आरएसएस नेताओं की लिस्ट मिली थी, जिसमें आरएसएस के 5 नेताओं को जान से मारने का उल्लेख था. इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांचों नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है. 

RSS नेताओं की सुरक्षा में होंगे 8 सुरक्षाकर्मी  

सिक्योरिटी की येलो बुक के मुताबिक, गृह मंत्रालय की Y कैटेगरी की सुरक्षा में कुल 8 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं. इसमें जिस वीआईपी को सुरक्षा दी जाती है उसमें 5 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड उसके घर पर लगाए जाते हैं. साथ ही तीन शिफ्ट में तीन पीएसओ सुरक्षा प्रदान करते हैं. 

केंद्र ने PFI पर लगाया बैन

Advertisement

बीते 28 सितंबर को केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके 8 सहयोगी संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया. सरकार ने ये कदम PFI के ठिकानों पर एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद उठाया था. एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस और एटीएस ने देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर 22 सितंबर और 27 सितंबर को छापेमारी की थी. इस दौरान करीब 350 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसियों को छापे के दौरान PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे. इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement