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केरल सीरियल ब्लास्ट के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी कई सवाल अनसुलझे, क्यों किए धमाके और कहां से ली ट्रेनिंग? 

केरल के एक कन्वेंशन सेंटर में हुए सीरियल विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस मामले में एक शख्स ने सरेंडर कर दिया, उसके बाद कई ऐसे सवाल हैं, जो अबतक अनसुलझे बने हुए हैं.

केरल सीरियल ब्लास्ट का आरोपी डोमिनिक मार्टिन केरल सीरियल ब्लास्ट का आरोपी डोमिनिक मार्टिन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

केरल के एर्नाकुलम के कालामसेरी में एक कन्वेंशन सेंटर में हुए सीरियल विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. बम ब्लास्ट के आरोपी ने फेसबुक लाइव कर पहले इस घटना की जिम्मेदारी ली और बाद में त्रिशूर जिला के कोडकारा पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. हालांकि इसके बाद भी अबतक कई सवाल अनसुलझे बने हुए हैं.  

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मार्टिन ने पहले विस्फोट किया और फिर सरेंडर कर दिया. एजेंसियों को ये बात समझ नहीं आ रही है. अगर आतंक मचाना ही मकसद था तो फिर विस्फोट करने के बाद सरेंडर क्यों किया? वह अपनी पत्नी के साथ कोच्चि में किराए के फ्लैट में रह रहा है और उसके बच्चे बाहर रहकर पढ़ाई और नौकरी कर रहे हैं तो फिर ब्लास्ट करने की बात उसके दिमाग में कैसे आई. ऐसा भी नहीं है कि उसकी किसी से पर्सनल खुन्नस हो. 

बम की ट्रेनिंग कहां से ली? 

उसके बाद सबसे बड़ा सवाल है कि जो बम उसने प्रार्थना सभा में लगाए थे, उन्हें बनाना कहां से सीखा था. इसकी ट्रेनिंग कहां से ली थी. हालांकि जांच एजेंसियों को जांच के दौरान पता चला है कि वह दुबई में रह चुका है और करीब दो महीने पहले ही देश लौटकर आया है. वह यूएई में इलेक्ट्रिक मैन के तौर पर काम करता था. उसे इलेक्ट्रिक सर्किट बनाने की पूरी जानकारी थी. एंजेंसियां कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के जरिए डोमिनिक के संपर्क में आए लोगों से भी पूछताछ कर रही हैं. 

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इस ब्लास्ट के पीछे कोई और? 

जांच एजेंसियां इस ब्लास्ट के पीछे का कनेक्शन खोजने में जुटी हुईं हैं. हालांकि मार्टिन ने कबूल किया है कि उसने कोच्चि के बाहर अलूवा स्थित अपने पुश्तैनी घर में बम बनाए थे. रविवार सुबह 7 बजे वो बम प्रार्थना सभा में रखकर आ गया था. उस वक्त वहां केवल तीन लोग ही मौजूद थे. हालांकि बम रखते हुए किसी ने नहीं देखा था. 

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दुबई में किस-किसके संपर्क में आया था मार्टिन? 

जानकारी के मुताबिक, डोमिनिक मार्टिन करीब 15 साल दुबई में रह चुका है. भारत लौटने के बाद वह बच्चों को अंग्रेजी की ट्यूशन पढ़ा रहा था. जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि वो दुबई में किस-किसके संपर्क में था. इसको लेकर उसके कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के आधार पर पूछताछ की जा रही है.  

सूत्रों की मानें तो कन्वेंशन सेंटर में डोमिनिक मार्टिन की सास और साली भी मौजूद थीं, जोकि प्रार्थना सभा में शामिल हुईं थीं. मार्टिन ने बयान दिया है कि उसने जो बम रखा था, वो उन दोनों से दूर रखा था. पुलिस उस बयान को क्रॉस चेक कर रही है.   

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NIA और NSG की टीम कर रही हैं जांच   

इस ब्लास्ट की जांच में जुटी एनएसजी और एनआईए की टीम कन्वेंशन सेंटर के अंदर खड़ी कारों की जांच के लिए स्निफर डॉग्स को लेकर आ रही हैं. ये उन लोगों की गाड़ियां हैं, जो रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे. यहां मौजूद अधिकारी कार समेत किसी भी सामान को बाहर निकालने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.   

आरोपी ने सरेंडर से पहले किया था फेसबुक लाइव  

पुलिस के सामने सरेंडर करने से पहले डोमिनिक मार्टिन ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा था, ''मैं यहोवा के साक्षियों के उपदेशों से सहमत नहीं हूं, हालांकि मैं उनमें से ही एक हूं, लेकिन उनकी विचारधारा खतरनाक है. ये समूह देश के लिए घातक है. वो लोग छोटे बच्चों के दिमाग में जहर फैला रहे हैं. उनकी विचारधारा गलत है. वो झूठ फैला रहे हैं. आज कन्वेंशन सेंटर में प्रार्थन सभा के दौरान जो कुछ हुआ है, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. किसी को मेरी तलाश में आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने जा रहा हूं.''  

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खतरे में थी दो हजार लोगों की जान   

एर्नाकुलम के कलामसेरी में ईसाई समुदाय के यहोवा के साक्षी समूह की प्रार्थना सभा हो रही थी. तीन दिवसीय प्रार्थना सभा का रविवार को आखिरी दिन था. कन्वेंशन सेंटर में दो हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे. सुबह करीब 9.30 बजे एक के बाद एक तीन धमाके हुए. हर तरफ अफराफरी मच गई. इस धमाके में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 39 लोग घायल बताए जा रहे हैं. खबर मिलते ही केंद्रीय गृहमंत्रालय भी तुरंत हरकत में आ गया. कोच्चि से एक एनआईए की टीम को एर्नाकुलम के लिए रवाना कर दिया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत केरल के सीएम पिनराई विजयन को फोन मिलाया.  

एर्नाकुलम धमाकों का मल्लापुरम कनेक्शन!  

इससे पहले इन धमाकों का मल्लापुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में हुई रैली के कनेक्शन के कयास लगाए जा रहे थे. दरअसल 27 अक्टूबर को हुई इस रैली में हमास के एक नेता खालिद मशेल ने वर्चुअली संबोधित किया था. इतना ही नहीं जमात ए इस्लामी की यूथ विंग एकजुटता युवा आंदोलन की ओर से आयोजन इस रैली में बुलडोजर हिंदुत्व और रंगभेदी यहूदीवाद को उखाड़ फेंकने का नारा लगाया गया था. ऐसे नारे से रैली में शामिल लोगों को भड़काया गया था. अभी ये साफ नहीं कि दोनों घटनाओं का कोई कनेक्शन है या नहीं, लेकिन खुफिया और जांच एजेंसियां हर एंगल से इस केस को देख रही हैं.

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