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ट्यूशन पढ़ाने वाले टीचर को 111 साल की सजा, नाबालिग के साथ रेप का मामला

केरल के तिरुवनंतपुरम में 2 जुलाई, 2019 को एक नाबालिग के साथ रेप का मामला रिपोर्ट किया गया था. केस की सुनवाई करने वाली जज आर रेखा ने कहा, "ट्यूशन पढ़ाने वाला टीचर ने ऐसा क्राइम किया है, किस उस पर कोई दया नहीं की जानी चाहिए."

रेप केस में 111 साल की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर) रेप केस में 111 साल की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम की एक स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने एक ट्यूशन टीचर के खिलाफ 111 साल की सजा सुनाई है. टीचर पांच साल पहले के एक मामले में दोषी पाया गया है. टीचर ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उसके साथ रेप किया था. मामले में उसके खिलाफ कारावास की सजा के साथ कोर्ट ने 1.05 लाख रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई है.

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अगर 44 वर्षीय शिक्षक तय वक्त में जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे एक साल और जेल में रहना होगा.

केस की सुनवाई करने वाली जज आर रेखा ने कहा, "ट्यूशन पढ़ाने वाला टीचर मनोज ने ऐसा क्राइम किया है, जिसके लिए कोई दया नहीं की जानी चाहिए."

पत्नी ने कर लिया था सुसाइड

कथित तौर पर, दोषी पाए गए मनोज की पत्नी ने नाबालिग लड़की के खिलाफ अपने पति के अपराध के बारे में पता चलने पर आत्महत्या कर ली.

मामले में दोषी पाया गया टीचर सरकारी कर्मचारी है और अपने घर पर छात्रों को ट्यूशन पढ़ाता था. यह घटना 2 जुलाई, 2019 को हुई, जब उसने लड़की को एक स्पेशल क्लास के बहाने अपने घर बुलाया. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी ने न सिर्फ उसका यौन शोषण किया, बल्कि उसने अपने मोबाइल फोन पर उसकी तस्वीरें भी खींचीं. 

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यह भी पढ़ें: फर्जी रेप केस में चचेरे भाई को फंसाने वाली युवती और उसके साथी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

'वायरल कर दी तस्वीरें...'

आरएस विजय मोहन और आरवी अखिलेश की मौजूदगी वाले अभियोजन पक्ष ने कहा कि घटना के बाद लड़की सदमे में थी और डरी हुई और अलग-थलग हो गई थी. उसने ट्यूशन क्लास जाना बंद कर दिया और फिर आरोपी ने लड़की की छवि खराब करने के लिए तस्वीरें प्रसारित कर दी. लड़की ने अपने परिवार को अपराध के बारे में बताया, जिन्होंने बदले में फोर्ट पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

केस दर्ज किये जाने के बाद मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया, उसका फोन जब्त करके फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया. फोन में लड़की के साथ दुर्व्यवहार की तस्वीरें पाई गई थीं. 

हालांकि, मनोज ने दावा किया कि वह घटना के दिन अपने दफ्तर में था. अभियोजन पक्ष मनोज के फोन रिकॉर्ड के जरिए अपनी बात साबित करने में सफल रहा. फोन में मिले डेटा से पता चला कि वह घटना के दिन क्राइम सीन के पास था.
 

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