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मुंह में भर गया था कीचड़-बालू, मलबे में फंसकर चिल्ला रहे थे लोग... वायनाड लैंडस्लाइड की आंखों देखी

वायनाड में भूस्खलन की वजह भारी तबाही मची है, कई घर नष्ट हो गए, जलस्रोत उफान पर हैं, पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है. हादसे से पहले अपनी सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाले इलाके- मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा अब भूस्खलन की वजह से उदासी में समंदर में डूबे हुए हैं.

भूस्खलन से वायनाड में तबाही भूस्खलन से वायनाड में तबाही
aajtak.in
  • वायनाड,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

"कोई आकर हमारी मदद करे, हमने अपना घर खो दिया है. हमें नहीं पता कि नौशीन (परिवार की सदस्य) जिंदा है भी या नहीं. वह दलदल में फंस गई है. उसका मुंह कीचड़ और रेत से भरा है. कोई उसे बचा ले."

केरल के वायनाड (Wayanad) में हुए लैंडस्लाइड में फंसी ये पुकार चूरलामाला इलाके में फंसी एक महिला की थी. ये महिला जोर जोर से रो रही थी. दरअसल, इस महिला के घर में एक लड़की कीचड़ में फंसी थी. इस महिला ने जैसे-तैसे अपनी जान तो बचा ली लेकिन अपने घर में फंसी एक महिला को बचा नहीं सकी थी और अब उसकी जिंदगी के लिए गुहार लगा रही थी.

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वायनाड में जहां पर भूस्खलन हुआ है, वहां की तस्वीर प्रलय से पस्त इलाके जैसी है. नष्ट हो चुके घरों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोग मदद की गुहार लगा रहे थे, इन्हें अपनी जिंदगी बचाने के लिए एक अदद मसीहा का इंतजार था. हादसे के बाद सामने आए वीडियोज में देखा गया कि लोग बिलख रहे हैं, बचाने जाने की गुहार लगा रहे हैं. लोग घरों में फंसे हुए थे या फिर बह गए पुलों और सड़कों पर बाढ़ आने की वजह से यात्रा करने का कोई साधन नहीं मिल रहा था.

वायनाड में भूस्खलन की वजह भारी तबाही मची है, कई घर नष्ट हो गए, जलस्रोत उफान पर हैं, पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है. हादसे से पहले अपनी सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाले गांव- मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा अब भूस्खलन की वजह से उदासी में समंदर में डूबे हुए हैं.

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भूस्खलन के बाद दिल को झकझोर देने वाले विजुअल सामने आ रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि इलाके में कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है और इसमें एक शख्स फंसा हुआ. पीड़ित शख्स कीचड़ में इस कदर फंस चुका है कि निकलने की कोशिश तक नहीं कर पा रहा है. 

अब तक 73 लोगों की मौत

जिला कलेक्टर मेघश्री डीआर के मुताबिक, अब तक कुल 73 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा, मलप्पुरम में चालियार नदी में बहकर आए 9 शव बरामद किए गए. मृतकों के शवों को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए अस्पतालों में भेजा गया है. एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित और संपर्क से कटे हुए इलाके हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे दल

बाढ़ के पानी में बह गए वाहन पेड़ों के तने में फंसे हुए और कई जगहों पर यहां-वहां डूबे हुए देखे जा सकते हैं. जल निकायों ने अपना रास्ता बदल लिया और रिहायशी इलाकों से होकर बहने लगे, जिससे और ज्यादा तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. रेस्क्यू टीम फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रही है, जिसमें भारतीय सेना भी शामिल है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के अलावा, राज्य सरकार ने भी प्रभावित इलाकों में पुलिस और अग्निशमन बल से आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं.

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कलेक्टर मेघश्री ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है. NDRF, अग्निशमन, पुलिस, वन, राजस्व और स्थानीय विभागों द्वारा बचाव कार्य चलाया जा रहा है. सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ स्वयंसेवक और स्थानीय निवासी भी बचाव बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं. कलेक्टर ने यह भी बताया कि करमंतोडु नदी पर बने बाणासुर सागर बांध के शटर खोल दिए गए हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है.

यह भी पढ़ें: Wayanad Landslides: आधी रात की बारिश, लैंडस्लाइड और बर्बादी... चट्टानों से घिरे वायनाड में हर साल क्यों मचती है तबाही?

एक वीडियो मैसेज में UDF विधायक टी सिद्दीकी ने कहा कि जिला अधिकारी मुंडक्कई इलाके से लोगों को हवाई मार्ग से निकालने की योजना बना रहे हैं.

उन्होंने बताया कि भूस्खलन में लापता और जान गंवा चुके लोगों के बारे में हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है. कई इलाके कट गए हैं, एनडीआरएफ के जवान उन स्थानों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकार ने मांगी सेना की मदद

भूस्खलन में सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है, लेकिन अधिकारियों ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. भूस्खलन में नष्ट हो चुके घरों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोगों ने मदद की गुहार लगाई. बेचैनी भरी फोन कॉलों ने घातक भूस्खलन की गंभीरता को उजागर किया.

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राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया, "भूस्खलन में घायल हुए 70 से ज्यादा लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. केरल सरकार ने बचाव अभियान के लिए भारतीय सेना की सहायता मांगी है."

डिफेंस PRO ने मंगलवार को बताया कि 122 इन्फेंट्री बटालियन (TA) मद्रास के सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को चल रहे बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है. एक मेडिकल ऑफिसर, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) और 40 सैनिकों वाली यह टीम प्रभावित इलाके में अहम सहायता प्रदान करने के लिए तैनात है. इनकी तैनाती का मकसद मौजूदा बचाव कार्यों को बढ़ाना और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है. 

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भूस्खलन में मरने वालों में से चार लोगों की मौत जिले के चूरलमाला कस्बे में हुई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है. वायनाड जिले के अधिकारियों के मुताबिक, थोंडरनाड गांव में नेपाल के एक परिवार के एक वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से पांच वर्षीय बच्चे सहित तीन शव बरामद किये गये.

घटना पर PM मोदी ने जताया दुख

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "मैंने केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पिनाराई विजयन से बात की है और केंद्र की तरफ से राज्य को हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया है. वायनाड के कुछ इलाकों में भूस्खलन से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और मैं घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं."

सीएम विजयन ने सोशस मीडिया पोस्ट में कहा कि सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में शामलि होने के लिए एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर जल्द ही सुलूर (तमिलनाडु के कोयंबटूर) से वायनाड के लिए रवाना होंगे.

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