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महिला ने ब्लैक टी बताकर 12 साल के लड़के को पिलाई शराब, बेहोश हुआ किशोर तो हुई गिरफ्तार

केरल के इडुक्की जिले के पीरुमेडु में एक 28 वर्षीय महिला को 12 साल के लड़के को शराब पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • इडुक्की (केरल),
  • 22 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

केरल के इडुक्की जिले के पीरुमेडु में एक 28 वर्षीय महिला को 12 साल के लड़के को शराब पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. गिरफ्तार महिला की पहचान प्रियंका के रूप में हुई है, जो म्लामला की रहने वाली और एक बागान मजदूर है.

क्या है मामला?
महिला लड़के के परिवार को पहले से जानती थी. शुक्रवार दोपहर, उसने बच्चे को शराब दी और उसे काला चाय (ब्लैक टी) बताकर पीने के लिए मना लिया. शराब पीने के बाद बच्चा बेहोश होकर गिर पड़ा और जब घर पहुंचा तो उसे चक्कर आने लगे. बाद में उसने अपने माता-पिता को पूरी सच्चाई बताई.

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बच्चे के माता-पिता ने तुरंत पीरुमेडु पुलिस स्टेशन में महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने महिला को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया और उसे स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

क्या हैं नियम?
भारत में 12 साल के बच्चे को शराब पिलाना कानूनी रूप से अपराध है. इसके लिए कई कानून लागू होते हैं, जो न केवल नाबालिग को शराब देने पर रोक लगाते हैं, बल्कि इसके लिए सख्त सजा भी तय करते हैं.

1. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015
धारा 77: कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे (18 साल से कम उम्र) को शराब, तंबाकू या नशीले पदार्थ देता है, तो उसे 7 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

2. आबकारी कानून (Excise Laws)
भारत के अलग-अलग राज्यों में शराब पीने की न्यूनतम उम्र अलग होती है, लेकिन किसी भी राज्य में 18 साल से कम उम्र के बच्चे को शराब देना पूरी तरह अवैध है.

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केरल आबकारी कानून के तहत, नाबालिग को शराब देना गंभीर अपराध है और दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है.

3. पोक्सो एक्ट, 2012 (POCSO Act)
अगर बच्चे को शराब देने के कारण उसके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, तो POCSO एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है.

4. भारतीय दंड संहिता (IPC)
धारा 328: किसी व्यक्ति को बिना उसकी सहमति के जहरीला पदार्थ या नशीला पदार्थ देना 10 साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान रखता है.

धारा 269 और 270: किसी के स्वास्थ्य को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना दंडनीय अपराध है.

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