
ओडिशा में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे केतकी फूल की मांग अचानक बढ़ गई है. इस दुर्लभ फूल की कीमत इस साल 600 रुपये से 1,000 रुपये तक पहुंच गई है. पुरी के श्री लोकनाथ मंदिर के पास केतकी फूल 600 से 1,000 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि भुवनेश्वर के श्री लिंगराज मंदिर के पास इसकी कीमत 600 से 800 रुपये तक है.
केतकी फूल की खासियत
केतकी फूल 'केवड़ा' की एक दुर्लभ किस्म है, जो सिर्फ महाशिवरात्रि के समय खिलती है. इस फूल को सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव को चढ़ाया जाता है. गंजाम जिले के छह तटीय इलाकों में 'केवड़ा' की खेती होती है, लेकिन केतकी फूल वहां बहुत ही कम मिलता है. कम उपलब्धता और अधिक मांग के कारण इसकी कीमत अधिक हो जाती है.
गंजाम जिले के फूल विक्रेता भगबान बेहरा के अनुसार, यहां के किसान इस फूल को भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर और कोरापुट जैसे शहरों में निर्यात करते हैं.
केतकी फूल पर भगवान शिव का आशीर्वाद
पुजारी अशोक कुमार पाढ़ी के अनुसार, पौराणिक मान्यता है कि केतकी फूल को कभी भगवान शिव ने श्राप दिया था और इसे पूजा में चढ़ाने पर रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में उन्होंने इसे सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन चढ़ाने की अनुमति दी.
बेहरामपुर के शक्ति नगर निवासी बाला कृष्ण प्रधान ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से भगवान शिव को केतकी फूल चढ़ा रहे हैं. इस साल उन्होंने यह फूल 400 रुपये में खरीदा, जबकि पिछले साल यह 300 रुपये में मिला था. भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए इस फूल को महाशिवरात्रि पर चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है.