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खालिस्तानी टेरर ग्रुप SFJ के जहरीले बोल, किसानों को 26 जनवरी पर लालकिले से तिरंगा हटाने के लिए भड़काया

अलगाववादी खालिस्तानियों की लिस्ट में हिंदू-सिख भाईचारा भी निशाने पर है. सदियों से पंजाब और अन्य जगहों पर साथ रहने वाले इन समुदायों को बांटने की नाकाम कोशिश के तहत पन्नू पिछले कई साल से गलतबयानी करता आ रहा है. उसने किसान प्रदर्शन को 1984 सिख विरोधी हिंसा से जोड़कर सिखों को उकसाने की कोशिश की.

SFJ का घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (फाइल) SFJ का घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (फाइल)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़ ,
  • 13 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST
  • खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत ने जारी किया वीडियो
  • किसान प्रदर्शन को ‘1984 हिंसा’ से जोड़ने की कोशिश
  • 'लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने पर इनाम'

प्रदर्शनकारी किसानों को भड़काने के मंसूबे के तहत प्रतिबंधित खालिस्तानी ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने ऐलान किया है कि जो कोई भी गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराएगा उसे ढाई लाख अमेरिकी डॉलर इनाम में दिए जाएंगे. SFJ के घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में जहर उगलते हुए इस इनाम का ऐलान किया.

यही नहीं गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किसानों के प्रदर्शन को '1984 सिख विरोधी हिंसा' से जोड़ने की कोशिश भी की. पन्नू ने अपने जहरीले बयान में कहा, “26 जनवरी आ रही है और लाल किले पर भारतीय तिरंगा है. 26 जनवरी को तिरंगे को हटाकर इसे खालिस्तानी झंडे से बदल दो.”

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किसानों के आंदोलन की शुरुआत से ही इस प्रदर्शन को कुछ कट्टरपंथी, खासतौर पर अलगाववादी खालिस्तानी ग्रुप, ‘सिखों का संघर्ष’बताने की कोशिश कर रहे हैं.

पन्नू ने ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इसमें वो ढाई लाख डॉलर के इनाम के अलावा विदेशी नागरिकता दिलाने की बात करता भी नजर आता है. पन्नू वीडियो में कहता है, “दुनिया के कानून तुम्हारे साथ हैं. अगर भारत सरकार आप पर उंगली उठाती है तो आपको परिवार समेत संयुक्त राष्ट्र कानूनों के तहत विदेश ले जाया जाएगा.”

खालिस्तानी आतंकवादी अपने वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ‘खालिस्तान ट्रैक्टर रैली’ के जरिए दिल्ली के घेराव के लिए भी उकसाता नजर आता है.  

हिंदुओं और सिखों में फूट डालने की फिराक में खालिस्तानी

अलगाववादी खालिस्तानियों की लिस्ट में हिंदू-सिख भाईचारा भी निशाने पर है. सदियों से पंजाब और अन्य जगहों पर साथ रहने वाले इन समुदायों को बांटने की नाकाम कोशिश के तहत पन्नू पिछले कई साल से गलतबयानी करता आ रहा है. उसने किसान प्रदर्शन को 1984 सिख विरोधी हिंसा से जोड़कर सिखों को उकसाने की कोशिश की.

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SFJ की ओर से पंजाब और चंडीगढ़ में रहने वाले लोगों को फोन कॉल्स के जरिए ‘खालिस्तान ट्रैक्टर रैली’ में हिस्सा लेने के लिए कहा जा रहा है. वीडियो के आखिर में आतंकवादी पन्नू ने प्रदर्शनकारियों को हथियार उठाने के लिए भड़काया साथ ही भारत सरकार को धमकी  भी दी है.

जहां तक दिल्ली बॉर्डर पर खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी का सवाल है तो कुछ किसान ग्रुप खुले तौर पर जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा जैसे आतंकियों के फोटोग्राफ के साथ देखे गए हैं.

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