
केंद्रीय मंत्री और अरुणाचल प्रदेश से सांसद किरेन रिजिजू (kiran rijiju) ने सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट किया, जो दिनभर चर्चा का विषय बना रहा. इतना ही नहीं अरुणाचल की राजधानी ईटानगर में अधिकारियों के हाथ-पांव भी फूले रहे. लेकिन बाद में जब मामले की सच्चाई पता चली तो वह कुछ और निकली. बाद में किरेन रिजिजू ने एक और ट्वीट किया, इसमें उन्होंने गलतफहमी दूर होने पर संतुष्टि जाहिर की.
दरअसल, किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की थी. इसको देखकर ऐसा लग रहा था कि एक सार्वजनिक टॉयलेट पर अतिक्रमण करके वहां परचून या पान की दुकान खोल ली गई है.
तस्वीर में एक दुकान दिख रही थी. इसके ऊपर सार्वजनिक शोचालय का बोर्ड लगा था. जिसपर लिखा था कि इसको सांसद फंड से बनवाया गया है. यह पब्लिक टायलेट साल 2015 में सांसद रिजिजू के फंड से ही बनवाया गया था. इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए किरेन रिजिजू ने लिखा, 'मुझे किसी से यह तस्वीर मिली. संबंधित विभाग कृपया इसपर एक्शन ले और इस दुकान को कहीं और शिफ्ट करवाये.'
इसके बाद ईटानगर के डिप्टी कमिश्नर Talo Potom समेत बाकी प्रशासन हरकत में आ गया. पता चला कि फोटो नाहरलगुन (Naharlagun) शहर के बाजार की है. लेकिन वहां पहुंचकर नजारा कुछ और दिखा. दरअसल, सार्वजनिक टॉयलेट पर कब्जा नहीं हुआ था. वह उस दुकान के पीछे मौजूद सीढ़ियों के नीचे ठीक प्रकार से चल रहा था. बस बोर्ड गलत जगह लगा होने की वजह से सांसद को कंफ्यूजन हो गई.
बाद में मीडिया से बात करते हुए डिप्टी कमिश्नर Talo Potom ने बताया कि सार्वजनिक टॉयलेट पर अतिक्रमण की बात सही नहीं है. बस बोर्ड गलत जगह लगे होने की वजह से कंफ्यूजन हुई. बताया गया कि दुकान के पीछे महिला और पुरुषों दोनों का टॉयलेट ठीक तरह से काम कर रहा है. बताया गया कि टॉयलेट पहले से ही दुकान के ऊपर मौजूद है और वह दुकान वहां साल 2015 से चल रही है.
(रिपोर्ट- युवराज)